भूटान की राजकुमारी सुश्री आशी सोनम डेचन वांगच्युक ने आज यहाँ धर्म-धम्मा की द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उदघाटन किया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान उदघाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। संगोष्ठी में भारत सहित अमेरिका, नार्वे, श्रीलंका, भूटान, कोरिया, वियतनाम, म्यांमार आदि देशों से वैदिक तथा बौद्ध धर्म के विद्वान भोपाल पहुँचे हैं।
उदघाटन भाषण देते हुए राजकुमारी वांग्च्युक ने कहा कि भारत और भूटान के समान मूल्य और जीवन के प्रति दृष्टिकोण दोनों देशों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहाँ भारत की दोस्त के रूप में भूटान नरेश के ग्रास नेशनल हैप्पीनेस की अवधारणा को लेकर आयी हूँ। उन्होंने कहा कि स्थायी संतुष्टि प्रसन्नता और विकास का मापदंड राष्ट्र के सामान्य जन-जीवन को प्राप्त शिक्षा, स्वास्थ्य आदि संसाधन होना चाहिये।
अध्यक्षीय उदबोधन में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी मनुष्य दीर्घायु और सुखी जीवन की इच्छा और अपेक्षा रखते हैं। दुनिया में इसी को लेकर अनेक दर्शन और उपासना पद्धतियों का प्रादुर्भाव हुआ है। श्री चौहान ने कहा कि सुखों की अनुभूति मनुष्य में अलग-अलग तरह की होती है। कोई धन-धान्य तथा भौतिक प्रधानता को जीवन का सुख मानते हैं। भारतीय दर्शन सबके सुखमय और निरोगी जीवन की मंगलकामना करता है। वह संपूर्ण विश्व को एक परिवार के रूप में मानकर वसुदैव कुटुंम्बकम के सिद्धांत को स्वीकारता है। उन्होंने कहा कि भौतिकता की अग्नि में झुलस रहे विश्व को भगवान बुद्ध द्वारा बताया गया करूणा, दया, प्रेम, मानवता का अष्टांग दर्शन सुखी होने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। श्री चौहान ने कहा धर्म और धम्मा का यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन विश्व को मानवता का संदेश देगा। उन्होंने भूटान की राजकुमारी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत तथा भूटान के संबंध न केवल बने रहेंगे बल्कि और प्रगाढ़ होंगे।
कार्यक्रम को श्रीलंका के वरिष्ठ मंत्री डॉ. सरथ अमुनुगामा तथा साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति वेन समधोंग रिंपोचे और बौद्ध दर्शन के श्रीलंका से आए विद्वान अतिथि वेनगला उपातिसा नायका थेरो ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में बताया गया कि साँची विश्वविद्यालय का अगला सत्र छह नये कोर्स के साथ प्रारंभ होगा। कार्यक्रम में सिटागु अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अकादमी के कुलाधिपति वेनगला एशिन न्यानिसारा ने अतिथियों से साँची विश्वविश्वविद्यालय के प्रस्तावित कोर्स की पुस्तिका का विमोचन करवाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंच से उतरकर वैदिक दर्शन के विद्वान प्राध्यापक डॉ. रमाशंकर त्रिपाठी, प्रो. लोकेशचन्द्र, प्रो. अंगराज चौधरी, प्रो. सागरमल जैन, प्रो. के. रामकृष्ण राव तथा साँची विश्व विद्यालय के प्रोफेसर सामथाम रिम्पोचे को सम्मानित किया।
प्रारम्भ में संगोष्ठी के संयोजक प्रोफेसर एस.आर. भट्ट ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्वागत-भाषण दिया। अन्त में साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर शशि प्रभा ठाकुर ने किया। कार्यक्रम में संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा भी मौजूद थे।
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