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 देहाती खेल से अमीर लोगों की पसंद बना कबड्डी | dharmpath.com

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देहाती खेल से अमीर लोगों की पसंद बना कबड्डी

August 13, 2015 2:42 pm by: Category: खेल Comments Off on देहाती खेल से अमीर लोगों की पसंद बना कबड्डी A+ / A-

kabaddiकोलकाता-भारतीय कबड्डी टीम ने पिछले एक दशक में गजब का प्रदर्शन किया है, लेकिन इस दौरान टीम को अपेक्षित ख्याति प्राप्त नहीं हुई। स्वदेशी खेल ने देश को चौतरफा पहचान दिलाई है लेकिन अब यह खेल राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर रहा है। यह सब हो पाया है नए प्रोफेशनल लीग के कारण जिसे सेलीब्रिटियों ने अपना समर्थन दिया है।

भारतीय कबड्डी टीम अब तक पांच विश्व कप खिताब, एशियाई खेलों में लगातार 7 स्वर्ण पदक जीत चुकी है। ये सब भारतीय टीम की कबड्डी खेल में एकाधिकार को दर्शाती है लेकिन इतनी अद्भुत सफलता के बावजूद भारतीय कबड्डी को अपेक्षित प्रचार, पहचान और मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं।

प्रो-कबड्डी लीग का यह दूसरा साल है और इस लीग ने कबड्डी को राष्ट्रीय सुर्खियों में जगह दिला दी है। इस लीग में शीर्ष स्तर के कॉर्पोरेट प्रायोजक, फिल्मी सितारों का समर्थन व मीडिया का कवरेज खूब देखने को मिल रहा है।

इस खेल को पहले देहाती खेल कहा जाता था और शहर के लोगों के योग्य नहीं माना जाता था, लेकिन अब कबड्डी बड़े घरानों के ड्रॉइंग रूम में चर्चा का विषय बन गया है। 2014 में एशियाई खेलों के फाइनल में भारत ने ईरान को 27-25 से हराते हुए लगातार सातवीं बार सोना जीता था। यह कीर्तिमान भारतीय हॉकी टीम के द्वारा 1928 से 1952 के बीच ओलंपिक की जीतों से भी बेहतर है, तब भारतीय हॉकी टीम ने 5 लगातार मेडल जीते थे।

हाल ही के सालों में करीबी मैच भी देखने को मिले हैं जिससे मालूम पड़ता है कि दूसरे देश भी इस खेल में अपनी पैठ बनाने के लिए आतुर हैं। भारतीय कबड्डी महासंघ के सचिव दिनेश पटेल ने कहा कि पिछले सालों में कई देशों ने इस खेल में अपने हाथ आजमाए हैं और उनमें से कुछ देश काफी बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। अब यह खेल ओलंपिक का अंग बनने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह खेल अब पहचान बन चुका है और सब कहीं खेला जाता है।

पटेल ने कहा, “हम आशा करते हैं कि सरकार खिलाड़ियों को आíथक रूप से मदद करेगी, जिससे वे अपने रोजी-रोटी की चिंता छोड़कर अपने करियर में अपना पूरा ध्यान लगा सकें। ”

पटेल ने कहा कि पिछले सालों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए महासंघ को सरकार से अनुदान प्राप्त हुआ है लेकिन अगर खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाती हैं तो यह सबसे अच्छी बात होगी। इसके चलते वे अपने परिवार का खयाल रखने की बजाय अपने खेल पर पूरा ध्यान लगा सकेंगे।

जब यह खेल लगभग अपना अस्तित्व खोने जा रहा था और अज्ञात भविष्य की ओर धकेल दिया गया था तभी कुछ अच्छे लोगों ने इस खेल को पहचान दिलाने का बीड़ा उठाया। कुछ दिनों पहले जो खेल रेतीली जमीन पर खेला जाया करता था एकाएक रंगीन कालीन में खेला जाने लगा। यही थी प्रो-कबड्डी लीग की शुरुआत जिसने लगभग सभी को रोमांचित किया।

अर्जुन पुरस्कार विजेता व पूर्व कप्तान बिश्वजीत पलित का मानना है कि इस खेल को इतना बढ़ावा मिलना चाहिए कि युवा इस ओर आकíषत हों।

पलित ने आईएएनएस से कहा, ” लीग ने खेल को पहचान दिलाई है। इस खेल को सबसे ज्यादा प्रमोशन की आवश्यकता थी और अब हमारे पास यह बहुतायत में है। कबड्डी जिस जगह आज पहुंच गई है शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह खेल यहां तक का सफर तय करेगा। ”

पलित ने कहा, “मैं देख रहा हूं यह खेल धीरे धीरे फैल रहा है और अब यह स्कूलों में भी खेला जाने लगा है। लीग को गजब की प्रतिक्रिया मिली है। आप देख सकते हैं कि हमेशा लीग में फुल हाऊस रहता है।”

पलित ने भारतीय टीम की कप्तानी 1986 एशियन कप में की थी। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता था।

पलित चाहते हैं कि इस खेल को जिलों में भी बढ़ावा दिया जाए और वे आशा करते हैं कि यहां से ज्यादा से ज्यादा युवा आएंगे और कबड्डी में भाग लेंगे।

उन्होंने कहा, ” जड़ पर ध्यान देने की जरूरत है। खेल को बढ़ावा देने वा जिलों में फैलाने की जरूरत है। इसीलिए हम वहां स्थानीय लीग चलाने का प्रयास कर रहे हैं।”

महिला टीम के द्वारा सफलता अíजत करने पर अर्जुन पदक विजेता रामा सरकार ने कहा कि यह खेल है जहां महिलाएं सफलता के मामले में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चली हैं। वह चाहती हैं कि महिलाएं आगे आएं और इस खेल का हिस्सा बनें।

उन्होंने कहा, ” पिछले चार से पांच सालों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। अब हमने मैट पर अभ्यास करना शुरू कर दिया है। इससे पहले हमें धूल में अभ्यास करना पड़ता था। बहुत कुछ बदल गया है और खेल में हर दिन के साथ और रुचि आ रही है।”

सरकार ने कहा कि पीकेएल स्टाइल वुमन्स लीग भी जल्द ही शुरू होगी।

देहाती खेल से अमीर लोगों की पसंद बना कबड्डी Reviewed by on . कोलकाता-भारतीय कबड्डी टीम ने पिछले एक दशक में गजब का प्रदर्शन किया है, लेकिन इस दौरान टीम को अपेक्षित ख्याति प्राप्त नहीं हुई। स्वदेशी खेल ने देश को चौतरफा पहचा कोलकाता-भारतीय कबड्डी टीम ने पिछले एक दशक में गजब का प्रदर्शन किया है, लेकिन इस दौरान टीम को अपेक्षित ख्याति प्राप्त नहीं हुई। स्वदेशी खेल ने देश को चौतरफा पहचा Rating: 0
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