Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 देसंविवि में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव शुरू | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

Home » भारत » देसंविवि में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव शुरू

देसंविवि में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव शुरू

हरिद्वार, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। तीर्थ नगरी हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में गुरुवार से छह दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग, संस्कृति एवं अध्यात्म महोत्सव का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर 15 देशों से आए एवं देश के करीब 400 योग विशेषज्ञ मौजूद थे।

1 से 6 अक्टूबर तक चलने वाले इस महोत्सव का केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक व देसंविवि के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, पद्मश्री डॉ. डी.आर. कार्तिकेयन ने दीप प्रज्वलन कर शुभारम्भ किया।

केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि योग जीवन जीने की कला है। यह आदि काल से लोगों को जाग्रत कर रहा है। शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक का समन्वय के रूप में योग महोत्सव को जाना जायेगा। उन्होंने देवसंस्कृति विवि के कुलपिता तथा राष्ट्र के मूर्धन्य स्वतंत्रता सेनानी को याद करते हुए कहा कि शांतिकुंज एवं देसंविवि की पृष्ठभूमि आचार्यश्री के तप बल से अनुप्राणित है। गायत्री परिवार एकता समता का एक अनुपम संगठन है।

कुलाधिपति डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि योग संयम और अनुशासन का नाम है। योग ही संसार को जोड़ने का कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि योग मन के साथ कर्म, ज्ञान और भक्ति को जोड़ता है और इससे अनुशासित मानवता का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि चरित्र चिन्तन को परिष्कृत और उत्कृष्ट बनाने में यौगिक साधनाएं, सांस्कृतिक परम्पराएं और आध्यात्मिक प्रेरणाएं ही अवलम्बन का कार्य करती हैं।

उन्होंने कहा कि चरित्र चिन्तन की अस्तव्यस्तता से जहां व्यक्ति का नैतिक पतन हुआ है, वहीं स्वास्थ्य का भी चिन्ताजनक ह्रास हुआ है। ऐसे में योग, संस्कृति और अध्यात्म ही इन सबसे बचाने के आधार अवलम्बन हैं। डा. पण्डया ने आचार्यश्री द्वारा लिखी पुस्तक समस्त विश्व को भारत के अजस्र अनुदान का जिक्र करते हुए भारतीय संस्कृति की विश्व व्यापकता पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर अतिथियों ने अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की स्मारिका, संस्कृति संचार, एवं ई-न्यूज लेटर रेनासा का विमोचन किया। वहीं उत्तराखंड की योग ब्रांड एम्बेसडर व देसंविवि की एमए (योग) की छात्रा दिलराज प्रीत कौर व 90 मिनट तक लगातार शीर्षासन करने वाले देसंविवि के बीएससी के छात्र आदित्य प्रकाश सिंह को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर लाटबिया, लुतानिया, इटली, हांगकांग, चेक रिपब्लिक, अमेरिका, नार्वे, हॉलैंड, अर्जेटीना, बाली, रूस, नेपाल आदि देश विदेश से आए योग प्रशिक्षु एवं संस्कृति संवाहकों के अलावा देवसंस्कृति विवि परिवार, प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

देसंविवि में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव शुरू Reviewed by on . हरिद्वार, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। तीर्थ नगरी हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में गुरुवार से छह दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग, संस्कृति एवं अध्यात्म महोत्सव क हरिद्वार, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। तीर्थ नगरी हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में गुरुवार से छह दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग, संस्कृति एवं अध्यात्म महोत्सव क Rating:
scroll to top