नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने बुधवार को कहा कि इस साल 31 मार्च तक 13 जिले, 161 ब्लॉक, 22,513 ग्राम पंचायतें और 53,973 ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किए जाने की घोषणा की जा चुकी है।
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक का बुधवार को स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) विषय पर आयोजन किया गया। केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री बीरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्वच्छता के क्षेत्र में हुई प्रगति की समीक्षा की गई और लोगों की पूर्ण सहभागिता के साथ अक्टूबर, 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की आवश्यकता पर भी खास जोर दिया गया।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत अभियान के शुभारंभ के बाद से इस साल 31 मार्च को 42.05 प्रतिशत की तुलना में ग्रामीण स्वच्छता दायरे में 51.53 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। उन्होंने संसद सदस्यों को जानकारी दी कि इस अभियान के शुभारंभ के बाद से स्वच्छता में प्रगति हई है और 31 मार्च को मनरेगा के अंतर्गत 10.72 लाख सहित करीब 182.62 लाख शौचालयों का निर्माण पहले से ही किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च को 13 जिले, 161 ब्लॉक, 22,513 ग्राम पंचायतें और 53,973 ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त किए जाने की घोषणा की जा चुकी है।
इस बैठक में लोकसभा से भैरो प्रसाद मिश्र, चरणजीत सिंह रोरी, हुकुमदेव नारायण यादव, मती कृष्णा राज, लीलाधरभाई खोडाजी वाघेला, सत्य पाल सिंह, पंकज चौधरी, प्रभुभाई नागरभाई वसावा, राजेन्द्र अग्रवाल, रंगास्वामी ध्रुवनारायण, मती रीति पाठक, शिवाजी अधालराव पाटिल और सुनील बालीराम गायकवाड़ ने और राज्य सभा से मेघराज जैन और ऑस्कर फनार्डीज ने भाग लिया।
बैठक के दौरान संसद सदस्यों ने विभिन्न सुझाव दिए और केन्द्रीय मंत्री ने उनके सुझावों का उपयोग करने का भी आश्वासन दिया।
पंचायतीराज राज्य मंत्री निहाल चंद, पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री राम कृपाल यादव, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुदर्शन भगत और पेयजल एवं स्वच्छता, ग्रामीण विकास और पंचायतीराज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा छत्तीसगढ़ और असम से आए हुए अधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।