लखनऊ / वाराणसी, 31 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली काशी पहुंची केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वेद, शास्त्र व पांडित्य परम्परा से काशी की पहचान है। इसके बचाव के लिए हर सम्भव प्रयास किया जाएगा। इसे अक्षुण्ण रखने में युवाओं का भी हाथ है।
ईरानी ने कहा कि स्वतंत्रता से लेकर आज तक हर मौके पर युवाओं ने अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है और आगे भी ऐसा ही करते रहना होगा।
उन्होंने कहा, “नेशनल मेडिकोज आर्गनाईजेशन (एनएमओ) के सेवाभाव से भ्रष्टाचार मुक्त चिकित्सा व्यवस्था होने के आसार दिख रहे हैं। देशवासियों को भी इसमें सहभागी होना चाहिए। आपदा के समय तन-मन धन से पीड़ितों की सेवा में हमें भी सन्नद्घ रहने का संकल्प लेना चाहिए।”
काशी के स्वतंत्रता भवन में नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में एनएमओ का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रयाग से वाराणसी तक निकाली जाने वाली साइकिल यात्रा स्वस्थ्य जीवनशैली को बढ़ावा देने का परिचायक है।
स्मृति ईरानी ने कहा, “विज्ञान एवं गणित भारत की देन है। भारत के कण-कण में विज्ञान एवं गणित विद्यमान है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी ऐसा ही है। एनएमओ के कार्यकर्ता चिकित्सा के इतिहास पर शोध करें। लोगों को वास्तविक वस्तु स्थिति से अवगत कराएं।”
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि किसी देश का निर्माण अनेक क्षेत्रों में काम करने वाले नागरिकों द्वारा होता है। उनकी प्रतिभा के आधार पर राष्ट्र को पहचान मिलती है। देश के चरित्र का निर्माण होने पर भावी पीड़ियां भी गर्व करती हैं। हर प्रतिभावान व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य की जरूरत होती है। मेडिकल से जुड़े लोगों को इसी में अपना सर्वश्रेष्ठ देना है।