लखनऊ, 22 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शुक्रवार को अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में एक बार फिर ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 40 वर्षो से बैंकों के दरवाजे गरीबों के लिए बंद थे। केंद्र में नई सरकार बनने के बाद देश में करीब 20 करोड़ लोगों के खाते खुल गए और गरीबों ने इन खातों में करीब 30 हजार करोड़ रुपये जमा कराए हैं। देश का गरीब अब मालिक बनने जा रहा है।
उन्होंने यह बात काल्विन-तालुकेदार कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। इस मौके पर आईआईएम-लखनऊ के 50 छात्र भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के गरीब से गरीब व्यक्ति का बैंक में खाता खुल गया। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत देश में करीब 20 करोड़ जनता के खाता खोले गए। जीरो बैलेंस पर खाते खोलने की योजना थी, लेकिन गरीबों ने जीरो बैलेंस पर खाता नहीं खोला। देश की गरीब जनता ने बैंक खाते में तीस हजार करोड़ रुपये जमा किए। देश के गरीब की ताकत पूरी दुनिया देख रही है।
मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान 2100 लोगों को ई-रिक्शा का तोहफा दिया। उन्होंने कहा कि इससे उनके जीवन में गुणात्मक सुधार आएगा। उन्होंने पांच रिक्शा ड्राइवरों से बातचीत भी की।
प्रधानमंत्री ने कहा, “2100 लोग ई-रिक्शा के मालिक बनने जा रहे हैं। भारत का लोहा विश्व ने माना है। आने वाले दिनों में भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ने वाला है। भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है। हमने कम समय में विकास की मिसाल पेश की है। मंदी के दौरान भी भारत का विकास प्रभावित नहीं हुआ है, जबकि दुनिया के बड़े-बड़े देश मंदी का शिकार हुए हैं।”
इससे पहले, प्रधानमंत्री बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय में आत्महत्या करने वाले दलित शोधछात्र रोहित वेमुला के प्रति शोक जताया और उन्हें याद करते हुए भावुक हो उठे। उन्होंने माना कि ‘रोहित को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।’
प्रधानमंत्री संबोधन के लिए जैसे ही डायस पर पहुंचे, छात्रों के एक गुट ने ‘मोदी वापस जाओ, मोदी गो बैक’ के नारे लगाए। सुरक्षाकर्मियों ने विरोध करने वाले छात्रों को तुरंत सभागार से बाहर निकाला।
हंगामा शांत होने के बाद मोदी ने हालात को भांपते हुए कहा, “रोहित को सुसाइड के लिए मजबूर होना पड़ा। कारण अपनी जगह है। राजनीति अपनी जगह है।”
अगले ही पल मोदी ने कहा, “लेकिन सच्चाई यही है कि मां भारती ने अपना एक लाल खोया है। उसके परिवार पर क्या बीती होगी..। मेरे देश के एक नौजवान बेटे रोहित को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
इसके बाद प्रधानमंत्री ने दलितों के मसीहा डॉ. अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा, “दुनिया के महापुरुषों को संघर्ष करना पड़ा है। जिंदगी से लड़ना और जूझते रहना चाहिए। अंबेडकर ने अर्थशास्त्र में पीएचडी प्राप्त की। डिग्री तक के सफर में कई लोगों का योगदान होता है।”
मोदी ने कहा, “हम अकेले कुछ भी नहीं बन सकते हैं, पूरे समाज का योगदान होता है। विद्यार्थी जीवन के बाद अलग दुनिया होती है। छात्रों के माता-पिता को उनके जन्म से ज्यादा आज खुशी मिली होगी। समाज का हम पर कर्ज है।”
उन्होंने कहा, “संघर्ष अपने आप के साथ ही करना होता है। अपनों के साथ करना होता है। अपनी आत्मा से करना होता है, लेकिन ये तब संभव होता है, जब हम शिक्षित होते हैं। बाबा साहब अंबेडकर भगवान बुद्ध से प्रेरित थे। भगवान बुद्ध का संदेश था, अपने आप को प्रकाशित करो। शिक्षित बनो, संगठित रहो। बाबा साहब के जीवन से सीखना चाहिए। अपमानित होकर अंबेडकर ने सफलता पाई। बाबा साहब ने देश को बहुत कुछ दिया है।”
मोदी ने कहा कि दीक्षांत समारोह की परंपरा गुरुकुल से है। अब क्लास रूम और गुरु से ज्यादा गुरुकुल से सवाल पूछे जाते हैं। आजकल गूगल गुरु का जमाना है। छात्र गूगल गुरु के विद्यार्थी हैं। किताबों से ज्ञान प्राप्त होता है। अध्ययन के लिए एकाग्रता जरूरी है। एकाग्रता से सफलता मिलती है।
प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले केंदीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने उद्बोधन में स्वामी विवेकानंद को याद किया। उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण पर छात्रों को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चीन की यूनिवर्सिटी का उदाहरण दिया।
राजनाथ ने कहा, “शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का समग्र विकास है। मानव जीवन में चरित्र का होना काफी आवश्यक है। देश में चरित्र का महत्व है। हमारी संस्कृति चरित्र निर्माण के लिए जानी जाती है।” उन्होंने भगवान राम का उदाहरण देते हुए कहा कि चरित्र व्यक्ति को महान बनाता है।
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राम नाइक और लखनऊ के महापौर दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।
मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दोपहर बाद लगभग दो बजे अपने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ पहुंचे। हवाईअड्डे पर उनका स्वागत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया। इस दौरान राज्यपाल राम नाइक और मुख्य सचिव आलोक रंजन भी मौजूद रहे।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने बनारस में 9000 से अधिक विकलांगों (दिव्यांगों) को ट्राईसाइकिल बांटकर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी-दिल्ली महामना एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।