वाराणसी। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संत महंत व साधु संन्यासियों ने रविवार को काशीस्थ 125 देव स्थानों पर हाजिरी दी। श्रीपंचों के नेतृत्व में ज्ञानवापी परिसर में संकल्प लिया। बाबा काशी विश्वनाथ का दरस-परस और देवों की देहरियों पर मत्था टेका।
सुबह नौ बजे शिवाला घाट पर डुबकी लगाई। ईष्टदेव की पूजा आरती के बाद नंगे पांव घाट-घाट होते दशाश्वमेध पहुंचे। ढुंढीराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर, काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन कर ज्ञानवापी में व्यास पीठ पर अंतगर्ृही यात्रा के लिए संकल्पित हुए और मौन धारण किया। मणिकर्णिका घाट पर स्नान ध्यान कर यात्रा शुरू की। लगभग विभिन्न घाटों के साथ ही जंगमबाड़ी, कोदई चौकी, नई सड़क, बेनियाबाग, राजादरवाजा, गोविंदपुरा, शीतला गली आदि में देवी देवताओं को शीश नवाए। श्रीमहंत गंगा सागर भारती, श्रीमहंत विश्वनाथ गिरि, श्रीमहंत शिवनारायण पुरी, श्रीमहंत विक्त्रम गिरि, श्रीमहंत दया पुरी, श्रीमहंत किशन गिरी, सचिव रवींद्र गिरि आदि शामिल थे। नेतृत्व अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी महाराज ने किया। शंकर पुरी, जयकिशन पुरी, भास्कर पुरी आदि ने संयोजन में सहयोग किया।