नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। नगालैंड के दीमापुर कस्बे में दुष्कर्म के आरोपी की भीड़ द्वारा हत्या किए जाने का मामला मंगलवार को राज्यसभा में जोरशोर से उठा। सांसदों ने अपराध रोकने में राज्य सरकार की अक्षमता पर सवाल उठाया।
शून्यकाल के दौरान मामला उठाते हुए जनता दल-युनाइटेड के सांसद शरद यादव ने सवाल किया कि आखिर पुलिस ने 10,000 लोगों की भीड़ को जेल में घुसने से क्यों नहीं रोका।
सांसद ने पूछा, “तालिबान, आईएस और इसमें अंतर क्या है?”
शरद यादव ने सवाल किया, “क्या हम इस देश को अराजकता की राह पर ले जाना चाहते हैं? जब 10,000 लोगों ने जेल तोड़ा तब राज्य सरकार कहा थी?”
कांग्रेस के नाजनिल फारुख ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला किया और उन पर पूर्वोत्तर के सभी मुस्लिमों को बांग्लादेशी के तौर पर प्रचारित करने का आरोप लगाया।
सैयद फरीद खान (35) सैकेंड हैंड कारों के विक्रेता थे और उन पर 23 एवं 24 फरवरी को विभिन्न जगहों पर 20 वर्षीय नगा महिला के साथ दुष्कर्म करने का आरोप था। पुलिस ने खान को 25 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया और निचली अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरात में जेल भेज दिया।
5 मार्च को उत्तेजित भीड़ उन्हें जेल से बाहर ले आई और पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी।