नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। दिवाली उत्सव आपके लिए भले ही मौज-मस्ती का मौका हो, लेकिन पालतू पशुओं और सड़कों पर रहने वाले हजारों पशुओं के लिए यह परेशानी का सबब बन जाता है। हजारों ऐसे पशु हैं जो हर वर्ष आतिशबाजी की चपेट में आकर जल जाते हैं।
दिवाली के लिए परामर्श जारी करते हुए पशु अधिकार संगठन ‘ह्यूूमन सोसायटी इंटरनेशनल’ ने पालतू पशुओं को घर के भीतर रखने की सलाह दी है।
सलाह के मुताबिक पालतु पशुओं में सुनने की क्षमता ज्यादा होती है इसलिए तेज आवाज से घबराकर ये सुरक्षित ठिकाने की तलाश में भाग सकते हैं।
संगठन के भारत में प्रबंध निदेशक एन.जी. जयसिम्हा के एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, “आतिशबाजी और उत्सव सड़कों पर मौजूद जानवरों या पालतू पशुओं में भय और तनाव उत्पन्न कर सकता है।”
जयसिम्हा के मुताबिक, “रोशनी के इस खूबसूरत पर्व को मनाते हुए हमें अपनी जिम्मेदारी का ख्याल रखना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि हम जानवरों के लिए पर्यावरण को सुरक्षित और आरामदेह रखें।”
संगठन की सलाह के मुताबिक, दिवाली पर लाइट, लैंप्स और दीए से रोशनी करें जो कि पर्यावरण और पशुओं के लिए अनुकूल हैं।
तेज रोशनी, ध्वनि और रंग पशुओं में भय और दुविधा उत्पन्न कर सकते हैं।
किसी भी पशु आश्रय स्थल या चिड़ियाघर के नजदीक पटाखे फोड़ने से बचें। तेज आवाज से पशु डर सकते हैं और आतिशबाजी से उन्हें चोट पहुंच सकती है।