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दिल्ली में आप की हार चाहते थे प्रशांत, योगेंद्र : केजरीवाल समर्थक (राउंडअप)

नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेताओं में आंतरिक कलह की खबरों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व संस्थापक सदस्यों में से एक प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निष्कासित किए जाने के बाद आप के चार नेताओं ने मंगलवार को योगेंद्र और प्रशांत भूषण पर फरवरी के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को हराने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले आप नेताओं मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, पंकज गुप्ता और संजय सिंह ने मंगलवार को बयान जारी कर योगेंद्र और प्रशांत पर यह आरोप लगाया।

पार्टी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर योगेंद्र ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इन आरोपों पर खुली और पारदर्शी तरीके से बहस शुरू होगी, ताकि सच सबके सामने आ सके।

प्रशांत भूषण ने कहा, “अब समय आ गया है कि देश को इस मामले के बारे में पूरी जानकारी मिले और सच जल्द ही सामने आ जाएगा।”

एक संयुक्त बयान में पार्टी के चारों नेताओं ने स्पष्ट किया कि चार मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनई) ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को राजनीति मामलों की समिति (पीएसी) से हटाने और उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपने का फैसला लिया था।

बयान में कहा गया है, “जिस समय दिल्ली में आप के सभी कार्यकर्ता पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे, उस समय प्रशांत, योगेंद्र यादव और शांति भूषण की तिकड़ी पार्टी को हराने की कोशिशों में लगी हुई थी।”

बयान के मुताबिक, “पीएसी ने उन्हें हटाने की वजह का खुलासा नहीं किया था, क्योंकि इससे वरिष्ठ जोड़ी की साख प्रभावित हो सकती थी।”

बयान में कहा गया, “लेकिन यह जो प्रचारित किया गया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी अलोकतांत्रिक व गैर-जिम्मेदाराना है और आप कार्यकर्ताओं के मन में उठे सवालों की वजह से हम यह खुलासा करने के लिए मजबूर हो गए।”

बयान के मुताबिक, पूरे चुनाव के दौरान प्रशांत भूषण ने न केवल आप से अलग हुए समूह का खुले तौर पर समर्थन किया, बल्कि बार-बार ये धमकी दी कि वे संवाददाता सम्मेलन करके दिल्ली चुनाव में पार्टी की तैयारियों को बर्बाद कर देंगे।

आप नेताओं की ओर से यह बयान पिछले सप्ताह पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के वरिष्ठ नेता मयंक गांधी की ओर से अपने ब्लॉग में पीएसी से योगेंद्र व भूषण को हटाए जाने पर उठाए गए सवालों के बाद आया है। उन्होंने अपने ब्लॉग में कहा था कि योगेंद्र और प्रशांत खुद पीएसी से बाहर जाने के लिए तैयार थे, बावजूद इसके उन्हें प्रस्ताव लाकर और वोटिंग कराकर बाहर किया गया।

मयंक ने यह भी कहा था कि उन्हें उनके बयानों की वजह से निशाना बनाया जा रहा है।

आप नेताओं के बयान का स्वागत करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इससे लांछन लगाने का दौर समाप्त हो जाएगा।

यादव ने कहा, “मैं अपने चारों साथियों के बयान का स्वागत करता हूं। उम्मीद है कि इससे खुली और पारदर्शी बातचीत होगी और सच सभी के सामने आएगा।”

यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी और प्रशांत भूषण की प्रतिक्रिया को भी पार्टी की मीडिया इकाई द्वारा उसी तरह से सार्वजनिक किया जाएगा, जिस प्रकार से इन आरोपों को सार्वजनिक किया गया है।

इसी बीच आम आदमी पार्टी के एक अन्य नेता आशुतोष ने कहा, “अगर कोई संगठन न्यूनतम अनुशासन का पालन नहीं करता तो वह बच नहीं सकता। व्यक्ति महत्वपूर्ण हैं लेकिन संगठन सभी से ऊपर है और नियम सभी के लिए बराबर हैं।”

उल्लेखनीय है कि 70 सदस्यों वाली दिल्ली विधानसभा के लिए हुए चुनाव में आप ने 70 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि ‘दिल्ली चले मोदी के साथ’ वाले नारे के साथ मैदान में उतरी भाजपा मात्र तीन सीटें ही जीत सकी।

दिल्ली में आप की हार चाहते थे प्रशांत, योगेंद्र : केजरीवाल समर्थक (राउंडअप) Reviewed by on . नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेताओं में आंतरिक कलह की खबरों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के व नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेताओं में आंतरिक कलह की खबरों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के व Rating:
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