नई दिल्ली, 11 फरवरी – दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी(आप) की जीत ने एकबार फिर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और उनकी कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) को चर्चा में ला खड़ा किया है, जिन्होंने सबसे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध ‘चाय पे चर्चा’ चुनाव अभियान से प्रचार की रूपरेखा में बदलाव किया था। किशोर ने बीते वर्ष दिसंबर में आप से हाथ मिलाया था और पार्टी को भाजपा के नकारात्मक अभियान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देने की सलाह दी थी। भाजपा ने चुनाव के दौरान दिल्ली के शाहीनबाग में सीएए-विरोधी प्रदर्शन को मुख्य मुद्दा बनाया था।
नवीनतम रुझानों में दिल्ली की 70 सीटों में से आप को 63 सीट मिलती दिखाई दे रही है। आप ने 2015 विधानसभा चुनाव में 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
रुझानों को देखते हुए, किशोर ने ट्वीट कर कहा, “भारत की आत्मा की रक्षा के लिए खड़ा होने पर दिल्ली को शुक्रिया।”
किशोर ने सितंबर 2018 में जनता दल-यूनाइटेड का दामन थामा था, लेकिन उन्हें विवादास्पद सीएए और एनआरसी के विरुद्ध बयान देने की वजह से पार्टी से निकाल दिया गया।
उन्होंने आप के लिए दिल्ली चुनाव की रणनीति तैयार की थी, जिसमें उन्होंने आप सरकार के द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में काम को दिखाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने खासकर स्कूलों के स्वीमिंग पुलों और मोहल्ला क्लीनिक पर ज्यादा ध्यान दिया।
आई-पैक सूत्रों ने बताया कि आप के थीम सांग ‘लगे रहो केजरीवाल’ ने भी सरकार के कामों को दर्शाया, जिसे बॉलीवुड के संगीतकार विशाल डडलानी ने कंपोज किया था।
प्रशांत किशोर की आई-पैक ने इससे पहले 2015 में बिहार नीतीश कुमार की जदयू पार्टी के प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला था। इसके साथ ही उन्होंने 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए, वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए और 2019 में आंध्र प्रदेश में वाइएस जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआर कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी।