नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं से दिल्ली के पूर्ण राज्य बनाने के लिए मतदान करने की अपील की।
आप नेता ने कहा कि देश में दूसरा सबसे बड़ा कर योगदानकर्ता होने के बावजूद दिल्ली को केंद्र सरकार से दूसरे राज्यों के मुकाबले काफी कम पैसे ही मिलते हैं।
केजरीवान ने यहां मीडिया से कहा, “मुंबई के बाद, दिल्ली सबसे ज्यादा कर, 1.5 लाख करोड़ रुपये, देती है और इसे केंद्र सरकार से केवल 385 करोड़ रुपये मिलता है। गोवा जैसा छोटा राज्य जिसकी जनसंख्या केवल 15 लाख है, उसे केंद्र से 3200 करोड़ रुपये मिलते हैं। दो करोड़ की आबादी वाली दिल्ली को केवल 385 करोड़ रुपये मिलते हैं। गुजरात को 85,000 करोड़ रुपये मिलते हैं और उत्तर प्रदेश को 1.5 लाख करोड़ रुपये मिलते हैं। जब हम पूछते हैं कि ऐसा क्यों है, वे कहते हैं कि दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है। तो फिर आपने इसे क्यों आधा राज्य बनाकर रखा है?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने पिछले चुनाव के दौरान यह कहकर पाखंड किया था कि वे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे लेकिन बाद में अपने वादे से पलट गए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली क्योंकि पूर्ण राज्य नहीं है और इसके अंतर्गत कानून व व्यवस्था नहीं है, यहां अपराध खासकर महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं।
उन्होंने कहा, “अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया तो मैं आपसे वादा करता हूं कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी महिलाएं रात 11 बजे के बाद भी बिना डरे घर से बाहर निकल सकें। हमने दिल्ली सरकार की नौकरियों में दिल्ली के लोगों के लिए 85 प्रतिशत आरक्षण की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।”
शिक्षा पर उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को नए विश्वविद्यालय खोलने का अधिकार नहीं है, इसलिए दिल्ली के छात्रों को 95 प्रतिशत अंक आने के बावजूद भी विश्वविद्यालयों में दाखिला नहीं मिल पाता।