मुंबई, 23 फरवरी (आईएएनएस)। मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को वरिष्ठ अभिनेता दिलीप कुमार को 18 वर्ष पुराने चेक बाउंस के एक मामले में कथित संलिप्तता से बरी कर दिया।
14वीं अदालत के महानगर दंडाधिकारी बी.एस. खराडे के समक्ष सुनवाई के लिए मामला जब लाया गया, तब 94 वर्षीय अभिनेता अदालत में उपस्थित नहीं थे।
यह मामला 1998 का है, जब दिलीप कुमार एक निर्यात कंपनी गीके एक्सिम इंडिया लिमिटेड के मानद अध्यक्ष थे, जो बाद में अपनी देनदारी का भुगतान करने में असफल रही।
कंपनी ने देशभर के लोगों से लाखों रुपये जुटाए थे। बाद में कंपनी ने बकाए का भुगतान करने के लिए चेक वितरित कर दिए थे।
कुछ चेक हालांकि बैंक में बाउंस हो गए। इसके लिए दिलीप कुमार और कंपनी के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध अदालत में मुकदमा दाखिल किया गया।
दिलीप कुमार कंपनी के रोजाना की कार्यवाही से सीधे तौर पर जुड़े हुए नहीं थे, फिर भी उन्हें इससे संबंधित सभी मामले में लड़ाई लड़नी पड़ी और इस कड़ी में मंगलवार को आखिरी मामले में उन्हें बरी कर दिया गया।
निगोशिएबल इंस्ट्रमेंट्स एक्ट की धारा 141 के मुताबिक, शिकायतकर्ताओं को यह साबित करना होता है कि आरोपी कंपनी की रोजमर्रा की कार्यवाही से जुड़ा हुआ था। चूंकि यह साबित नहीं हो पाया, इसलिए दंडाधिकारी खराडे ने दिलीप कुमार को बरी कर दिया।