कोलकाता, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर 245 गोल दागने वाले भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान दिपेंदु बिस्वास को भले ही पिछले बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहली बार दावेदारी रखने पर हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस बार वह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं।
कोलकाता, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर 245 गोल दागने वाले भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान दिपेंदु बिस्वास को भले ही पिछले बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहली बार दावेदारी रखने पर हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस बार वह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से उत्तर 24 परगना जिले के बासिरथ दक्षिण सीट से चुनाव मैदान में खड़े बिस्वास आश्वस्त हैं कि इस बार उन्हें जीत हासिल होगी।
पूर्व फुटबाल खिलाड़ी को पिछली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार सामिक भट्टाचार्य से 2,000 वोटों के अंतर से हारना पड़ा था।
बिस्वास ने आईएएनएस को एक साक्षात्कार में बताया, “2014 में मेरे पास राजनीति की अच्छी समझ नहीं थी और मैं काफी कम अंतर से हारा था। मैंने अपने पूरे जीवन में फुटबाल खेला, तो आप कहीं हारते हैं और कहीं जीतते हैं। मैंने राजनीति को भी एक चुनौती समझा है। इस बार में 100 प्रतिशत जीतूंगा।”
उन्होंने आगे कहा, “जिस दिन मुझे हार मिली थी, दीदी (ममता बनर्जी) ने मुझे कहा था कि मैं अगले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी करूं और अब मैं पूरी तरह से तैयार हूं। हार ने मुझे और भी सशक्त बना दिया है।”
पिछले वर्ष 25 अप्रैल को विस्वास को भट्टाचार्य से काफी पड़ी प्रतिद्वंद्विता मिली थी।
बिस्वास का मानना है कि पिछले दो साल में उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए जो भी काम किए हैं, उसका फल उन्हें जरूर मिलेगा।
उन्होंने कहा, “मैं बसिरथ का रहने वाला हूं और बचपन से देख रहा हूं कि यहां कुछ भी विकास नहीं हुआ। यहां की नगर पालिका 100 साल पुरानी है, लेकिन अब भी यहां बदलाव नहीं हुआ।”
बिस्वास ने आगे कहा, “यहां सड़क मार्गो, पीने के पानी की गुणवत्ता और सड़क पर जलने वाली लाइटों की कमी है। दीदी के आदेशों के बाद, मैं यहां की परेशानियों को पूरा करने में सक्षम रहा हूं, क्योंकि उन्होंने मुझे इस निर्वाचन क्षेत्र की देखभाल का कार्यभार सौंपा था।”
टाटा फुटबाल अकादमी (टीएफए) से 1995 बैच के स्नातक ने ईस्ट बंगाल, मोहन बागान, मोहम्मडन स्पोर्टिग और महिंद्रा युनाइटेड जैसी टीमों के लिए खेला है। वह भारत की अंडर-19 और अंडर-21 टीम के सदस्य भी रहे, लेकिन उनके लिए राजनीति, फुटबाल से अधिक मुश्किल है।
बिस्वास ने कहा, “राजनीति काफी मुश्किल है। मुझे जरा सा भी आराम नहीं मिलने वाला। एक खिलाड़ी के तौर पर मैं अपने फोन को रात के 10 बजे बंद करके सो जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।”
फुटबाल से राजनेता बने बिस्वास ने अपनी विपक्षी प्रतिभागी के बारे में किसी भी प्रकार के बयान से इनकार कर दिया।
भविष्य में स्वयं को खेल मंत्री के रूप में देखने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर, बिस्वास ने जोर से हंसते हुए कहा कि वह अभी इस बारे में बात नहीं करना चाहते हैं।