वाशिंगटन, 9 फरवरी (आईएएनएस)। हृदयाघात, दिल का दौरा और मस्तिष्क के चोट जैसी खतरनाक शारीरिक व्याधियों का दवाओं के माध्यम से इलाज जल्द संभव हो सकेगा, क्योंकि शोधकर्ताओं ने एक ऐसे यौगिक की खोज की है, जो इन व्याधियों के कारण कोशिकाओं की मौत को रोकने में सक्षम है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि कोशिकाओं में मौजूद माइटोकांड्रिया में स्वाभाविक तौर पर पाया जाने वाला पेप्टाइड ‘ह्यूमेनिन’ इस तरह के इलाज के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इजरायल के नेगेव में बेन गुरियन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अब्राहम परोला ने कहा, “वर्तमान निष्कर्ष अतिक्षय (नेक्रोसिस) संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए एक नए यौगिक के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अतिक्षय जैसे मस्तिक में चोट, हृदयाघात तथा मायोकार्डियल इनफार्क्सन जैसी बीमारियों का दवाओं पर आधारित कोई प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं है।”
अतिक्षय की स्थिति में ऑक्सीजन की कमी (हाइपॉक्सिया) के कारण कोशिकाओं की मौत हो जाती है या उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचता है।
शोधकर्ताओं ने ह्यूमेनिन के सदृश यौगिक एजीए (सी8आर)-एचएनजी17 तथा एजीए-एचएनजी के प्रभाव की जांच की।
शोधकर्ताओं ने मस्तिक में चोट से पीड़ित चूहों का एचएनजी17 द्वारा सफल इलाज कर दिखाया।
यह अध्ययन मैरिलैंड के बाल्टीमोर में बायोफिजिकल सोसायटी की सालाना बैठक (59वां) के दौैरान प्रस्तुत किया जाएगा।