नई दिल्ली, 10 फरवरी – द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को सोमवार को लोकसभा में उस समय सत्ता पक्ष के तीखे हमले का सामना करना पड़ा जब चेन्नई मध्य से सांसद दयानिधि मारन ने सरकार की आलोचना करते समय संस्कृत को मृत भाषा कह दिया। मारन ने यह टिप्पणी तब की जब वह केंद्रीय बजट 2020-21 पर बहस के दौरान सदन में बोल रहे थे।
मारन ने कहा, “सरकार थिरुक्कु रल का उद्धरण देती रहती है और तमिल के बारे में बात करती है, लेकिन इसने तमिल जैसी एक शास्त्रीय भाषा के लिए कुछ नहीं किया और संस्कृत जैसी एक मृत भाषा पर पैसे खर्च किए।”
सत्ता पक्ष इसके बाद दयानिधि पर हमलावर हो उठा और उसने संस्कृत को मृत भाषा कहने के लिए उनसे माफी की मांग की।
वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “आप बजट को लेकर, नीतियों को लेकर और कार्यशैली को लेकर सरकार की अलोचना करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन देव भाषा संस्कृत पर आप हमला करेंगे तो यह स्वीकार नहीं होगा।”
पीठासीन अधिकारी रामा देवी ने भी किसी भाषा के लिए इस तरह की टिप्पणी के लिए डीएमके नेता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष दूसरों से माफी की मांग करता है, लेकिन खुद ऐसी गलतियां करने पर उस नियम का पालन नहीं करता।