नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। अपने खिलाड़ियों से हमेशा सफलता की मांग करने वाले भारतीय दर्शकों को खुश रखना आसान नहीं है। भारतीय टीम के विश्व कप खिताब बचा पाने पर तो दांव लगाने वाले ना के बराबर हैं, लेकिन विश्व कप के अपने पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम की जीत लगभग सभी तय मान रहे हैं।
नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। अपने खिलाड़ियों से हमेशा सफलता की मांग करने वाले भारतीय दर्शकों को खुश रखना आसान नहीं है। भारतीय टीम के विश्व कप खिताब बचा पाने पर तो दांव लगाने वाले ना के बराबर हैं, लेकिन विश्व कप के अपने पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम की जीत लगभग सभी तय मान रहे हैं।
भारत और पाकिस्तान रविवार को एडिलेड ओवल में एकदूसरे के खिलाफ अपने-अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत करेंगे।
अपने पहले मैच की पूर्व संध्या पर भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपने प्रशंसकों को आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी टीम के खिलाड़ी इस मैच के दबाव के झेलने की क्षमता रखते हैं।
धौनी ने कहा कि इस मैच को लेकर भारतीय टीम के खिलाड़ियों में बेचैनी नहीं है, बल्कि वे काफी संयत हैं और उनके पास बड़े मैचों का दबाव झेलने का अनुभव है।
धौनी का तर्क है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के बेहद दबाव वाले तथा खचाखच भरे स्टेडियम में खेलने से उनकी टीम की विश्व कप की अच्छी तैयारी हुई है।
लेकिन धौनी शायद यह भूल गए कि विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में दबाव सहने की क्षमता नहीं बल्कि विपक्षी टीम पर दबाव बनाने की क्षमता सफलता दिलाती है। मेजबानों न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया ने दिखा दिया है कि कैसे विपक्षी टीम को बल्लेबाजी के बल पर मैच से बाहर कर दिया जाता है।
इसे संयोग ही कहेंगे कि दोनों ही मेजबानों न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया को उनकी विपक्षी टीमों ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। और दोनों ही टीमों ने शुरुआती पॉवर प्ले की समाप्ति तक अपेक्षित शुरुआत हासिल कर ली।
आस्ट्रेलियाई महाद्वीप में 23 वर्ष पहले हुए विश्व कप के दौरान भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ अपने 216 रनों के स्कोर का बचाव करने में सफल रही थी और पाकिस्तान को 173 पर समेट दिया था। लेकिन वह दौर ऐसा था जब 220 से अधिक का स्कोर अच्छा माना जाता था।
धौनी पाकिस्तान के खिलाफ पहले गेंदबाजी चुनना पसंद कर सकते हैं, ताकि उनकी अप्रभावी गेंदबाजी आक्रमण ताजी पिच का लाभ उठा सके। लेकिन ऐसी स्थिति में दूसरी पारी में एडिलेड ओवल की पिच स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हो सकती है।
पिछले साल नवंबर से आस्ट्रेलिया में मौजूद भारतीय टीम के प्रदर्शन को विश्व कप की तैयारी के अनुकूल नहीं कहा जा सकता, लेकिन विश्व कप में भारत को शायद इससे अच्छा कार्यक्रम भी नहीं मिल सकता।
कुछ खेल विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि विश्व कप का प्रारूप इसलिए ऐसा रखा गया है ताकि भारत टूर्नामेंट में अधिक से अधिक समय तक प्रतिस्पर्धा में बना रहे। और शायद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) भी नहीं चाहता कि भारतीय टीम नॉकआउट से पहले ही बाहर हो।
भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ पहला मैच कई मायनों में बेहद अहम है, क्योंकि जीत मिलने पर भारत की नॉकआउट में प्रवेश काफी हद तक तय हो जाएगी।
इसके बाद भारत को खिताब बचाने के लिए मात्र दो मैच जीतने होंगे, लेकिन भारत की जीत इन सवालों पर काफी हद तक निर्भर करेगी :
– टेस्ट मैचों में बेहद खराब प्रदर्शन करने के बाद क्या भारतीय गेंदबाजी अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय में खुद को पटरी पर लौटा पाएगी?
– मैच जिताऊ गेंदबाजों के अभाव में क्या बल्लेबाजी खराब गेंदबाजी की भरपाई कर पाएंगे?
– क्या भारतीय क्षेत्ररक्षण अपने पुराने दिनों की छवि से बाहर निकल पाएगा?
– क्या भारतीय टीम धौनी के साथ उस हद तक कदमताल करने को उत्सुक है, जैसी पिछली बार सचिन तेंदुलकर के साथ थी?
– और अंत में यह कि क्या कप्तान धौनी पिछली बार की ही तरह अपनी टीम के लिए उसी तरह प्रेरणा स्रोत बन पाएंगे?