उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘केसीएनए’ के मुताबिक, इन परिवारों को अपने सदस्यों से मिलने के लिए दक्षिण कोरिया भेजा जाएगा।
‘केसीएनए’ के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने यह फैसला यहां रह रहे परिवारों द्वारा दक्षिण कोरिया में अपनी बेटियों से मिलने जाने देने की अपील के बाद आया है, जिनके बारे में उनका कहना है कि उन्हें दक्षिण कोरिया ने अगवा किया है।
उत्तर कोरिया की रेड क्रॉस सोसाइटी की केंद्रीय समिति के प्रमुख द्वारा जारी बयान के मुताबिक, दक्षिण कोरिया सरकार द्वारा यह कहा जा रहा है कि ये लोग अपनी मर्जी से सामूहिक रूप से यहां आए हैं, लेकिन वास्तव में यह अपहरण का मामला है। इनका धोखे से अपहरण किया गया है।
रेड क्रॉस सोसाइटी ने मानवीय सिद्धांतों के आधार पर इन्हें मिलवाने का आग्रह किया था।
दक्षिण कोरियाई मीडिया के मुताबिक, उत्तर कोरिया के 13 नागरिकों ने अपनी मर्जी से दक्षिण कोरिया में रहने का फैसला किया है, क्योंकि इन लोगों पर अपनी आमदनी उत्तर कोरिया में भेजने का दबाव ड़ाला जा रहा था। इन 13 लोगों में 12 महिला वेटर और एक प्रबंधक है।