नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। दक्षिण एशियाई संस्कृतियों और विरासतों को एक मंच पर पेश करने के उद्देश्य के साथ वेब पोर्टल ‘सहपीडिया’ लांच किया गया। यह मूर्त और अमूर्त विरासत की विस्तृत श्रृंखला के तहत विभिन्न विषयों पर नई विश्वकोष सामग्रियां, छवियां और वीडियो उपलब्ध कराता है।
संस्कृत शब्द ‘सह’ का अर्थ है ‘साथ’ और इसी शब्द की भावना को ध्यान में रखते हुए इस मंच का नाम ‘सहपीडिया’ रखा गया है। इस मंच को सांस्कृतिक क्षेत्र का सबसे बड़ा ज्ञान बैंक बताया जा रहा है। इसकी खास बात यह है कि इसके जरिए जानकारी हासिल करने के साथ-साथ जानकारी दी भी जा सकती है।
इस पोर्टल को पांच साल के गहन अनुसंधान के बाद शनिवार को लांच किया गया।
गैर लाभकारी संगठन के अध्यक्ष और राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी के प्रमुख श्री एस. रामादोरई ने आईएएनएस को बताया, “अभी अधिकतर सामग्री अंग्रेजी में उपलब्ध होगी। लेकिन इन्हें भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें विरासत शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी को प्राचीन और आधुनिक विरासत के बारे में रुचि पैदा हो सके।”
‘सहपीडिया डॉट ओआरजी’ न केवल जानकारी प्रदान कराता है, बल्कि यह पैनल में शामिल विशेषज्ञों की समीक्षा के बाद उपयोगकर्ताओं के प्रकाशनों को भी बढ़ावा देता है।
सहपीडिया को जनता के बीच पेश करने की योजना सुधा गोपालकृष्णन सहित कई अन्य विद्वानों की थी।