मुंबई, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। अगले दो-तीन सालों में थर्मल कोयले का आयात बंद करने की तैयारी सरकार कर रही है, ताकि सालाना 40,000 करोड़ रुपये की बचत हो सके। सूखे ईधन के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी से यह फायदा मिला है। केंद्रीय कोयला एवं ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने यहां शुक्रवार को यह बात कही।
उन्होंने समुद्री भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोकिंग कोयले का आयात जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “भारतीय कंपनियां काफी सारा थर्मल कोयले का आयात करती हैं। हम चाहते हैं कि अगले दो-तीन सालों में इन पर पूरी तरह रोक लग जाए। हम अब तक 28,000 करोड़ रुपये का आयात कम कर चुके हैं और हमारी योजना 40,000 करोड़ रुपये बचाने की है।”
सार्वजनिक क्षेत्र की खनन कंपनी कोल इंडिया ने भारी उत्पादन के साथ देश के कोयला आयात में कमी लाने में मदद की, जिससे 28,000 करोड़ रुपये की बचत हुई।
गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय भारतीय मालवाहक कंपनियों से कोयले के आयात और ढुलाई के लिए दीर्घकालिक अनुबंध करेगा।
उन्होंने एक छोटे निजी इक्विटी फंड बनाने की सलाह भी दी, जिसे 25 करोड़ डॉलर की राशि से शुरू की जाएगी और इसका प्रबंधन अंतर्राष्ट्रीय फंड निवेश विशेषज्ञ करेंगे। इस फंड में कोयले की ढुलाई से जुड़ी बिभिन्न कंपनियों की हिस्सेदारी होगी।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र इस इक्विटी फंड में तभी रुचि दिखाएंगे जब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ मंत्रालय इसमें शामिल होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि विदेशी निवेशकों से इस फंड में कम से कम 4,000 करोड़ रुपये की राशि इकट्ठा होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सौर ऊर्जा क्षमता को 2017 तक 20,000 मेगावॉट तक बढ़ाने का है। उन्होंने कहा, “पिछली सरकार ने साल 2022 तक 20,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा था। लेकिन हम इस लक्ष्य को 2017 तक प्राप्त करना चाहते हैं। हमने साल 2022 तक एक लाख मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।”