लखनऊ/नई दिल्ली 10 जून (आईएएनएस)। फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को बुधवार को उत्तर प्रदेश लाया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें फंसाया गया है।
देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी विधायक कपिल मिश्रा दिल्ली के नए कानून मंत्री होंगे। मिश्रा दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं।
वह करावल नगर से विधायक हैं। जितेंद्र तोमर ने अपनी गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया।
तोमर ने लखनऊ में पुलिस की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह बेकसूर हैं और उनकी कानून की डिग्री असली है। उन्होंने कहा, “मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैं राजनीतिक साजिश का शिकार हूं।”
पुलिस ने बताया कि तोमर को यह जानने के लिए फैजाबाद स्थित डॉ़ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ले जाया गया कि उन्होंने वह डिग्री कैसे हासिल की, जिसे विश्वविद्यालय फर्जी बता रहा है।
दिल्ली पुलिस की एक टीम तोमर को एसी एक्सप्रेस से लाई। वे सभी फैजाबाद पहुंचने के लिए फरक्का एक्सप्रेस की महिला बोगी में सवार हुए।
तोमर को पहले सड़क मार्ग से फैजाबाद लाया जाना था, लेकिन लखनऊ रेलवे स्टेशन पर आप कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के चलते पुलिस को ऐन मौके पर अपनी योजना बदलनी पड़ी।
तोमर चार दिन की पुलिस रिमांड पर हैं।
आरएमएल अवध विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी एस.एन. शुक्ला ने कहा कि जांच में पाया गया है कि 1988 में रोल नंबर 31331 तोमर का नहीं, बल्कि किसी अन्य छात्र का था।
तोमर की गिरफ्तारी की वजह से आप और उप-राज्यपाल नजीब जंग के बीच तनातनी बढ़ गई है। बुधवार को आप नेता आशुतोष ने नजीब को ‘भारतीय लोकतंत्र में एक खलनायक’ करार दिया।
वहीं, बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा 21 मई को जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। इस अधिसूचना के जरिए दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) पर केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों में कार्रवाई करने पर रोक लगा दी गई थी।
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति आई.एस. मेहता की पीठ ने कहा कि इसी तरह का एक मामला पहले से ही दूसरी पीठ के पास लंबित है।