भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश को विकास की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने के लिए गणऔर तंत्र दोनों को मिलकर जुटना होगा। उन्होंने नागरिकों से स्वर्णिम मध्यप्रदेश के स्वप्न को मिलकर साकार करने का संकल्प लेने का आव्हान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को समृद्ध और सुविकसित बनाने में जनता का योगदानसुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘आओ-बनायें अपना मध्यप्रदेश’ अभियान प्रारम्भ किया गया है। श्री चौहान आज विदिशा में गणतंत्र दिवस के भव्य एवं गरिमापूर्ण समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने राष्ट्रध्वज फहराया और गणतंत्र दिवस परेड की सलामी ली।
श्री चौहान ने नागरिकों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि सबको मिलकर यह संकल्प लेना है कि प्रदेश में विकास का प्रकाश अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। उन्होंने मातृभूमि की सेवा में अपना बलिदान देने वाले महान राष्ट्रीय नेताओं को याद किया।
श्री चौहान ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियाँ गिनाते हुए प्रत्येक क्षण प्रदेश के विकास, लोगों की तरक्की और खुशहालीके कामों में समर्पित करने का संकल्प दोहराया।। उन्होंने कहा कि आओ बनायें अपना मध्यप्रदेश अभियान के माध्यम से विकास और तरक्की के सफर में समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने नागरिकों से बेटियों को बचाने, उन्हें सम्मान देने, पानी और हरियाली बचाने का आव्हान किया।
मध्यप्रदेश में पिछले सात वर्ष में औसत वृद्धि दर लगातार दो अंक में बने रहने की उपलब्धि को असाधारण घटनाबताते हुए मुख्यमंत्री ने इसका श्रेय प्रदेश की जनता को दिया। उन्होंने कहा यह उपलब्धि किसानों, मजदूर भाइयों,ग्रामीणों, नागरिकों, युवाओं और नारी शक्ति सबके सामूहिक प्रयास से यह संभव हो सकी है। उन्होंने कहा कि जनता कीइस स्फूर्ति और ताकत को सही दिशा और सही गति से नियोजित कर लेना ही वास्तविक गणतंत्र है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के नागरिक कानून का पालन करने में विश्वास करते हैं। विघ्नकारी तत्व शांति व्यवस्था को भंग नहीं कर सकते। भ्रष्टाचार के विरुद्ध शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जा रही है। नागरिकों का सरकार से प्रभावी संवाद स्थापित करने के लिए सी.एम.हेल्पलाईन प्रारम्भ की गयी है।
श्री चौहान ने कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत और सरकार की किसान समर्थक नीतियों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश को इस वर्ष फिर से केन्द्र सरकार का कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। कृषि प्रधान प्रदेश के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
किसानों और खेती के विकास के लिये गये निर्णयों का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि आगे आने वाले वर्षों में उन्नत कृषि तकनीक का उपयोग और कृषि उत्पादों के विपणन हेतु अधोसंरचना तैयार करना प्राथमिकता होगी। मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना और विदेश अध्ययन यात्राओं से किसानों को खेती के बेहतर तरीकों को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि और निरंतर बिजली मिलने से किसानों को भरपूर मदद मिली है। सिंचाई क्षमता बढ़ाकर अगले 5 वर्ष में 40 लाख हेक्टेयर तक की जायेगी। इसी साल 200 लघु सिंचाई परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है।
श्री चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नदी जोड़ो विचार की चर्चा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश इस विचार को मूर्तरूप देने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। नर्मदा-क्षिप्रा-सिंहस्थ लिंक परियोजना को जल्द हीमालवा के लोगों को समर्पित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि को रेखांकित करते हुए कहा कि किसानों को निजी भूमि पर पौधारोपणको प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 2013-14 से किसान लक्ष्मी योजना शुरू की गई है। किसान समर्थक नीतियों के कारणआज विद्युत कनेक्शन की संख्या एक करोड़ को पार कर गई हैं। पूरे प्रदेश में 24 घण्टे बिजली प्रदाय की जा रही है।बिजली की उपलब्धता से अब हर गाँव में लघु और कुटीर उद्योग लगाना और युवाओं को उद्यमी बनाने का स्वप्न है। आज विद्युत उपलब्धता 11,300 मेगावाट है। आने वाले 5 साल में विद्युत उपलब्धता को बढ़ाकर 20,000 मेगावाट सेअधिक करने का लक्ष्य है। देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयत्र प्रदेश के नीमच जिले में लगाया जा रहा है।
प्रदेश की बढ़ती अर्थ-व्यवस्था में सड़कों के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि राज्य केसंपूर्ण 11,000 किलोमीटर स्टेट हाईवे को विश्व-स्तरीय राजमार्ग तंत्र में परिवर्तन किया जायेगा तथा प्रांतीय राजमार्गों कीएक हजार किलोमीटर लंबाई का फोरलेन में उन्नयन किया जायेगा। अगले पाँच वर्ष में 19,000 किलोमीटर के प्रमुखजिला सड़क नेटवर्क का उन्नयन भी किया जायेगा। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये राजमार्गों पर आपातकालीनचिकित्सा सहायता एवं दुर्घटनाओं से निपटने की विश्व-स्तरीय व्यवस्था के साथ-साथ राजमार्ग प्रबंधन का उन्नयन भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने शहरों में औद्योगीकरण और बढ़ती जनसंख्या को अवसर में परिवर्तित करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि विगत वर्षों में प्रदेश के नगरों की अधोसंरचना निवेश में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। शहरी गरीबों को अगले 5 वर्ष में 5 लाख आवास उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रोजगार सृजन के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि आगामी 5 वर्ष में 5 लाख युवा उद्यमी को स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है। ग्यारह नए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना तथा 13 विद्यमान औद्योगिक क्षेत्र के अधोसंरचना उन्नयन में 3000 करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्तावित है। युवाओं को रोजगार पाने योग्य बनाने के लिए मध्यप्रदेश कौशल विकास मिशन का गठन किया गया है। आगामी वर्षों में 48 लाखलोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
श्री चौहान ने पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि अर्थ-व्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र की प्रमुख भागीदारी के लिये प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन प्रदेश के रूप में स्थापित करना प्राथमिकता है।
अधोसंरचना विकास के साथ साथ मूलभूत आवश्यकताएँ उपलब्ध करवाने के लिये सरकार की प्रतिद्धता दोहराते हुए श्री चौहान ने कहा कि 38,000 बसाहट में वर्ष 2018 तक स्वच्छ जल प्रदाय करने का लक्ष्य है। आँगनवाड़ियों में पेयजल व्यवस्था कर दी जायेगी। श्री चौहान ने खुले में शौच की प्रथा का कलंक मिटाने के लिये लोगों से सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया।
शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की दिशा में किये गये प्रयासों का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि प्रतिभा पर्व काहायर सेकेण्डरी शालाओं तक विस्तार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्णऔर रोजगार-परक बनाना प्रमुख चुनौती है। श्री चौहान ने अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों कोविभिन्न तकनीकी एवं व्यावसायिक विषयों में नि:शुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण देने की चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक स्व-रोजगार योजना के लक्ष्यों में वृद्धि प्रस्तावित है। अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक,सामाजिक तथा आर्थिक विकास के लिए योजनाओं में आवश्यक विस्तार तथा सुधार किया जा रहा है। महाविद्यालयों मेंअध्ययनरत जनजातीय विद्यार्थियों की शहरी क्षेत्रों में आवास की समस्या के हल के लिये आवास सहायता योजनास्वीकृत की गई है।
सभी के लिये संपूर्ण स्वास्थ्य उपलब्ध करवाने के लिये संकल्प दोहराते हुए श्री चौहान ने कहा कि 16 स्वास्थ्यसेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत लाकर स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी देने वाला मध्यप्रदेश देश का पहलाराज्य बनने जा रहा है। प्रदेश में तीन नये शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति की प्रगति और कल्याण के लिये स्वागतम् लक्ष्मी योजना के माध्यम से बालिका का जन्म से लेकर प्रत्येक महत्वपूर्ण पड़ाव पर स्वागत करने की पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना में ऐसी महिलाओं को लाभ दिया जायेगा जिनके भरण-पोषण हेतु कोई सहारा नहीं है। संभाग स्तर पर लागू होने वाली मुख्यमंत्री एस.ओ.एस. केन्द्र योजना के माध्यम से हिंसा से पीड़ित प्रत्येक महिला को एक ही स्थान पर शेल्टर, स्वास्थ्य, चिकित्सा, विधिक सलाह एवं कानूनी परामर्श उपलब्ध करवाया जाएगा।
समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि इससे हितग्राहियों के खातों में सीधे लाभ की राशि पहुँचा दी जायेगी। इससे कार्यक्रमों में पारदर्शिता बनी रहेगी। वरिष्ठ नागरिकों के समग्र कल्याण के लिए वरिष्ठनागरिक कल्याण आयोग द्वारा आदर्श पुनर्वास नीति तैयार की जा रही है। बढ़ते मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को साकार रूप देने के लिए माध्यम वर्ग आयोग का गठन किया गया है।
श्री चौहान ने कहा कि कला-साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में प्रदेश की पहल देशभर में अग्रणी और अनूठी है।अन्तर्राष्ट्रीय मापदण्डों के अनुरूप जनजातीय कला-संस्कृति के घर के रूप में प्रदेश में एक संग्रहालय की स्थापना कीगयी है।
खेल-कूद के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की प्रगति को रेखांकित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश पूरे देश में नई पहचान बना रहा है। प्रदेश को राष्ट्रीय सेलिंग स्कूल के संचालन के लिये एडमिरल कोहली अवार्ड-2013 से सम्मानित किया गया है। माँ तुझे प्रणाम योजना में 465 युवाओं को देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की अनुभव यात्राएँ करवाई गई हैं।