नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को तेजाब की नियमित बिक्री और तेजाब हमलों के शिकार लोगों के पुनर्वास से संबंधित एक जनहित याचिका खारिज कर दी।
नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को तेजाब की नियमित बिक्री और तेजाब हमलों के शिकार लोगों के पुनर्वास से संबंधित एक जनहित याचिका खारिज कर दी।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) छांव फाउंडेशन ने अपनी याचिका में न्यायालय से मांग की है कि तेजाब की बिक्री पर नियंत्रण करने और तेजाब हमलों के शिकार लोगों के पुनर्वास के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किया जाए।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.रोहिणी और न्यायमूर्ति आर.एस.एंडलॉ की खंडपीठ ने जनहित याचिका खारिज करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय मामले में सुनवाई कर रहा है।
न्यायालय ने दिल्ली सरकार की वकील जुबैदा बेगम के दलील का उल्लेख किया, जिसमें यह बताया गया था कि सरकार ने तेजाब हमलों के शिकार लोगों के पुनर्वास के लिए पहले से ही नीतियां बना रखी हैं।
एनजीओ ने कहा कि सरकार राजधानी में तेजाब की अवैध बिक्री को लेकर 18 जुलाई, 2013 को सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुसार काम करने में विफल रही है।
एनजीओ की तरफ से न्यायालय में पे पेश हुए वकील गौरव कुमार बंसल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने तेजाब हमलों को रोकने के लिए सरकार को कई निर्देश दिए थे। लेकिन निर्देशों के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में कई तेजाब हमले हुए हैं।
पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय घटना पर नजर रखे हुए है और निर्देश जारी कर रहा है, लिहाजा उच्च न्यायालय इस मामले में सुनवाई नहीं कर सकता।
दिल्ली में हाल ही में तेजाब हमले की दो घटनाएं हुई हैं। इससे तेजाब की बिक्री पर नियंत्रण करने में केंद्र और राज्य सरकारों की विफलता सामने आई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।