कोलकाता, 16 जून (आईएएनएस)। तुर्की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र में निवेश करना चाहता है। यह बात तुर्की के राजदूत बुराक अकापर ने मंगलवार को कही।
अकापर ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम मेक इन इंडिया के तहत संभावित अवसर की तलाश कर रहे हैं, लेकिन इस दिशा में कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया गया है। हम भारत से सूचना और यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें हमें यह बताया जाए कि हम किस तरह से योगदान कर सकते हैं।”
उन्होंने यह बात सोमवार को ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर में अपनी पुस्तक ‘पीपुल्स मिसन टू द ओटोमन एंपायर : एम.ए. अंसारी एंड द इंडियन मेडिकल मिसन-1912-13’ के लोकार्पण से अलग कही।
उन्होंने कहा कि उनके देश की विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र में विशेष रुचि है।
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा आयात की जाने वाली कई चीजों का तुर्की निर्यात करता है और तुर्की अवसंरचना तथा निर्माण क्षेत्र में भी मजबूत है।
उन्होंने कहा, “भारत में तुर्की के लिए कई अवसर हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि भारत तुर्की के कारोबारियों को भी अपनी योजना बताए।”
अकापर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस साल या अगले साल होने वाली तुर्की यात्रा के दौरान इस बारे में विस्तार से वार्ता हो सकती है।
उन्होंने कहा, “हम इस साल नहीं तो अगले साल माननीय प्रधानमंत्री की यात्रा का इंतजार कर रहे हैं। उस समय इन बातों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि 13 साल की अवधि के बाद मोदी तुर्की की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।
देश में तुर्की के निवेश पर उन्होंने कहा, “कुछ कंपनियां अवसंरचना, विनिर्माण, कपड़ा क्षेत्र में कारोबार कर रही हैं और हाल में तुर्किश एयरलाइंस ने भारतीय विमानन क्षेत्र में प्रवेश किया है।”
उन्होंने कहा कि उनका देश पर्यटन क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाना चाहता है।
यह पूछने पर कि मोदी की आगामी इजरायल यात्रा से क्या भारत-तुर्की संबंध प्रभावित होंगे, राजदूत ने कहा कि तीसरे देश के कारण आपसी संबंध प्रभावित नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भारत-तुर्की संबंध के बीच इजरायल की जगह है। भारत के साथ दोस्ताना संबंध के लिए हमारे पास एक ठोस कार्ययोजना है।”
उन्होंने कहा, “हम जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए माननीय प्रधानमंत्री की तुर्की यात्रा से काफी उम्मीद करते हैं और चाहते हैं कि दोनों देशों के विदेश मंत्री ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करें, जिससे संबंधों को मजबूत करने का मार्ग तैयार हो और दोनों मित्रवत देशों के पास करने के लिए काफी कुछ है और इसमें तीसरे देश के लिए जगह नहीं है।”