तुर्की की सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि एक आदमी जिस ने अपनी बीवी से बार बार कहा था कि वह उससे प्यार नहीं करता है, बीवी को “भावनात्मक शोषण” के लिए मुआवज़ा दे।
डेली सबा समाचार पत्र के अनुसार पति-पत्नी ने अपमानजनक बातें कहने के लिये मुआवजे की मांग करते हुए एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दायर किया। पत्नी ने दावा किया कि पति ने अनेक बार उसको घर पर अकेले छोड़ दिया था, उसे अपनी पत्नी की कोई परवाह नहीं थी तथा उस ने बार बार कहा था कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता, तुम्हारा बोलने का कोई अधिकार नहीं है। बीवी का कहना है कि इससे उसको गंभीर भावनात्मक क्षति पहुंची। शान्लियूर्फा शहर की अदालत ने इस बहाने पर पत्नी के हित में फैसला सुनाने से इनकार किया कि उसने खुद अपने पति से अपमानजनक बातें कही थीं। अप्रसन्न महिला ने सुप्रिम कोर्ट में इस निर्णय के विरूद्ध अपील की और अंततः अदालत ने उसका पक्ष लिया। अपनी तरह से आदमी ने अपनी बीवी की अपमानजनक बातों की शिकायत की। तुर्की में घरेलू हिंसा की खबरें अकसर मीडिया में आती हैं और उन पर व्यापक प्रतिक्रिया की जाती है।
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