चेन्नई, 25 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को 2015-16 के लिए पेश राज्य के बजट किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं रखा साथ ही उसमें मूल्यवर्धित कर (वैट) पर कई तरह की छूट दी। विपक्ष ने हालांकि बजट पर नाखुशी दिखाई।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि कई तरह के वित्तीय दबाव और कर से होने वाली आय में अधिक वृद्धि नहीं होने के बाद भी सरकार ने कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाने का फैसला किया है।
बजट में मछली पकड़ने के काम में आने वाले सामान जैसे रस्सी, फ्लोट, ट्विन, फिशिंग लैंप और स्विवेल्स तथा मच्छरदानी को वैट से मुक्त कर दिया गया है।
बजट में जैविक कचरे से बिजली बनाने वाले संयंत्र पर से बिजली कर हटाए जाने का प्रस्ताव है।
विपक्षी पार्टियों ने यह कह कर इस बजट को खारिज कर दिया कि इसमें कोई भी उपयोगी घोषणा नहीं है।
पन्नीरसेल्वम ने 4,616.02 करोड़ रुपये घाटे वाला बजट पेश किया है, जिसमें 1,42,681.33 करोड़ रुपये की राजस्व पावती और 1,47,297.35 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान पेश किया गया है।
उन्होंने कहा कि सब्सिडी बढ़ाए जाने, कर से होने वाली आय में अधिक वृद्धि नहीं होने और सामाजिक क्षेत्र में आवंटन बढ़ाने के कारण घाटे वाला बजट पेश किया गया है।
बजट के मुताबिक, राज्य को वाणिज्यिक कर से 72,068.40 करोड़ रुपये, उत्पाद शुल्क से 7,296.66 करोड़ रुपये और मोटर वाहन कर से 4,882,53 करोड़ रुपये हासिल होंगे।
कर से होने वाली आय गत वर्ष की तुलना में 12 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान है।
पन्नीरसेल्वम के मुताबिक, केंद्रीय करों में से राज्य को 21,149.89 करोड़ रुपये मिल सकते हैं और केंद्र सरकार से मिलने वाले अनुदानों के जरिए 16,376.79 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि 30,446.68 करोड़ रुपये कर्ज लिए जाएंगे, जबकि राज्य के लिए अधिकतम कर्ज सीमा 32,990 करोड़ रुपये है।
कारोबारी साल की समाप्ति तक राज्य पर कुल बकाया कर्ज 2,11,483 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि ने एक बयान जारी कर बजट की आलोचना करते हुए कहा बजट में कई सवालों के जवाब नहीं हैं, जैसे राशन की दुकानों में दाल की कमी, पेय जल की होने वाली कमी, बिजली की कमी कब दूर होगी और राज्य 3000 मेगावाट सौर बिजली क्षमता कब हासिल कर लेगा।
उन्होंने कहा कि बजट में गन्ना किसानों को बकाए का भुगतान और धान और गन्ना की खरीद मूल्य के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
पीएमके संस्थापक एस. रामदास ने कहा कि राज्य में बढ़ रही बेरोजगारी के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाना चाहिए।
इन तीन विभागों के लिए कुल 35,794 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि सब्सिडी और मुफ्त वितरण पर 59,185 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं।