उन्होंने बताया कि आगामी 24 मार्च से महाराज गुहराज निषाद जयन्ती के अवसर पर चैत्र शुक्ल पंचमी से श्रृंगबेरपुर में आरक्षण सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर आमरण अनशन किया जाएगा।
निषाद ने कहा कि तमिलनाडु में 68 प्रतिशत, कर्नाटक में 62 प्रतिशत व महाराष्ट्र में 73 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। जबकि उ.प्र. में 49.5 प्रतिशत, जो नैसर्गिक न्याय के प्रतिकूल है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के आरक्षण मुद्दे पर 13 जुलाई, 2013 को अपने निर्णय में आरक्षण व्यवस्था को उचित करार देते हुये कहा कि राज्य सरकार अपने राज्य में जितने प्रतिशत चाहे, आरक्षण की व्यवस्था कर सकती है, बशर्ते कि राज्य सरकार के पास जनगणना का पुष्ट प्रमाण हो।
उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार से अन्य पिछड़े वर्ग की जनगणना कराकर एल.आर. नायक की सिफारिश के साथ मण्डल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग की।