चेन्नई, 16 जून (आईएएनएस)। भारतीय तटरक्षक के आठ जून से लापता डोर्नियर विमान के चालक दल के सदस्यों में से एक के परिजनों को उनके सुरक्षित घर लौटने की आस है।
विमान के चालक दल में पायलट उप कमांडेंट विद्यासागर, सह-पायलट उप कमांडेंट सुभाष सुरेश और नेविगेटर/पर्यवेक्षक एम. के. सोनी शामिल थे। सभी की उम्र 30-40 साल के बीच थी।
लापता उप कमांडेंट सुभाष सुरेश के परिवार ने बताया कि किस तरह उनका नाम स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया था।
सुभाष की मां पद्मा सुरेश ने आईएएनएस को बताया, “सुभाष के पिता सुरेश को सुभाष चंद्र बोस बहुत पसंद थे, इसलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम उन्हीं के नाम पर रखा।”
उन्होंने कहा, “हमें पूरा यकीन है कि वह सुरक्षित घर लौट आएगा। उसके दोस्त दूसरे शहरों से यहां हमें ढ़ाढस बंधाने आए हैं।”
पद्मा ने बताया, “सुभाष 2009 में तटरक्षक में भर्ती हुए थे। वह अपने बैच के गोल्डमेडलिस्ट थे।”
उन्होंने बताया, “उसे बचपन से ही उड़ना पसंद था। वह पायलट का प्रशिक्षण लेना चाहता था। हम भी इसके लिए तैयार थे। उसने अमेरिका से विमान उड़ाने का प्रशिक्षण लिया था।”
पद्मा ने बताया कि अमेरिका से लौटकर सुभाष देश की सेवा करना चाहते थे। उन्हें खेल में रुचि थी, फिल्में देखना पसंद था और उनके कई दोस्त थे।
पद्मा ने कहा कि भारतीय तटरक्षक लापता विमान को ढूंढने की कोशिशों में जुटा है।
उन्होंने कहा, “हमें सुभाष के सुरक्षित लौट आने की उम्मीद है। हम रो-धो कर परिवार और आसपास नकारात्मक माहौल नहीं बनाना चाहते। ऐसा नहीं है कि ऐसे हालात में हमें रोना नहीं आता, लेकिन हम अच्छे की उम्मीद कर रहे हैं।”
सुभाष की पत्नी दीपा ने ट्विटर पर खाता खोला है और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के नाम संदेश लिखा है, “मेरे पति सुभाष सुरेश सीजी791 के पायलट पिछले आठ दिनों से लापता हैं। आपसे अनुरोध है कि इस पर गौर करें।”