नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के 85वें जन्मदिवस पर उनके नाम पर पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च फेलोशिप शुरू करने की घोषणा की है। मंत्रालय का पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च फेलोशिप कार्यक्रम देश में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के क्षेत्र में काम कर रहे युवा वैज्ञानिकों की दिशा में लक्षित है।
इस कार्यक्रम का लक्ष्य समूह वे युवा वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के क्षेत्र में अपना पीएचडी पूरी कर ली है या पूरी करने वाले हैं और जिनका एक बढ़िया शैक्षणिक रिकॉर्ड है। आवेदकों को 35 वर्ष की उम्र से कम आयु का होना चाहिए।
फेलोशिप की अवधि तीन वर्ष की होगी और फेलोशिप अवार्ड में एक रिसर्च एसोसिएट के बराबर की एक मासिक फेलोशिप तथा 1.5 लाख रुपये की एक वार्षिक रिसर्च आकस्मिकता अनुदान शामिल है।
मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो रिसर्च एसोसिएटशिप के लिए लागू आवास किराया भत्ता एवं अन्य लाभ पाने का भी हकदार होगा।
मंत्रालय की योजना डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च फेलो के चयन के लिए डॉ. आर.ए. माशेलकर की अगुवाई में विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने की भी है।
मंत्रालय फेलोशिप कार्यक्रम के लिए आवेदनों को आमंत्रित करने की सूचना0 जल्द ही प्रकाशित करेगा और कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देश मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे।
नए फेलोशिप कार्यक्रम और वर्तमान में जारी नेशनल एनविरॉनमेंटल साइंसेज फेलो प्रोग्राम का मुख्य फोकस देश के स्थापित वैज्ञानिकों के संरक्षण के तहत अच्छे गुणवत्ता के वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू करने के लिए पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी से संबंधित क्षेत्रों में काम कर रहे युवा वैज्ञानिकों के पोषण करने पर है।
डॉ कलाम ने विभिन्न अवसरों पर पर्यावरण एवं प्राकृतिक संरक्षण की सुरक्षा की जोरदार वकालत की थी ताकि आने वाली पीढ़ियों के सामने एक बेहतर भविष्य आ सके।