कन्नौज, 6 अप्रैल(आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासत घराने की बहू डिम्पल यादव ने शनिवार को कन्नौज लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। इस दौरान पति अखिलेश यादव ने जहां एक ओर उनका हौसला बढ़ाया, वहीं दूसरी ओर गठबंधन सहयोगी बहुजन समाज पार्टी(बसपा) ने अपने महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष को भेजकर दोनों दलों की दोस्ती को दिल के करीब लाने का प्रयास किया।
कन्नौज, 6 अप्रैल(आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासत घराने की बहू डिम्पल यादव ने शनिवार को कन्नौज लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। इस दौरान पति अखिलेश यादव ने जहां एक ओर उनका हौसला बढ़ाया, वहीं दूसरी ओर गठबंधन सहयोगी बहुजन समाज पार्टी(बसपा) ने अपने महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष को भेजकर दोनों दलों की दोस्ती को दिल के करीब लाने का प्रयास किया।
अखिलेश ने आठ किलोमीटर लंबे रोडशो के जरिए यह बताने की कोशिश की कि कन्नौज में उनके मुकाबले फिलहाल कोई नहीं है।
रोडशो शुरू होने से पहले लोग घंटों खड़े अपने नेताओं की झलक पाने के लिए लालायित थे। सपा मुखिया का काफिला पहुंचते ही समर्थकों की आंखों में एक अलग चमक देखने को मिली। नामांकन से पहले अखिलेश का जगह-जगह गुलाब की पंखुड़ियों से स्वागत हुआ। उन्होंने भी हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। रथ पर पूरा कुनबा सवार था। कमी सिर्फ सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की थी। लेकिन उनके जमाने के नेता अखिलेश को आशीर्वाद देने सड़क पर मौजूद थे।
मंच से सतीश मिश्रा ने भी कन्नौज से अपना 40 साल पुराना रिश्ता निकाला। पत्नी कल्पना मिश्रा से भी कन्नौज की बेटी होने की दुहाई देने में तनिक देर नहीं लगवाई। जब सतीश मिश्रा ने बोलना शुरू किया तो अपने को कन्नौज का दामाद बताया। उन्होंने कहा कि “40 साल पहले यहां से रिश्ता जोड़ा था। आज भी घर की शोभा बढ़ा रही है।”
उन्होंने बसपा के कार्यकाल में विकास का जिक्र किया। तो वहीं सपा सरकार में बने एक्प्रेसवे की दूरी को छोटा करने के लिए सरहाना की।
उन्होंने बताया कि कन्नौज वासियों की कैपिटल पूंजी भी बढ़ाने का काम इसी एक्प्रेसवे ने किया है। उन्होंने सपा-बसपा के गठबंधन को देश की नई दिशा तय करने वाला बताया।