नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं आगे आ रही है।
आईडीएसए के महासचिव, छवि हेमंत ने बताया, “देश में 7,472 करोड़ रुपए मूल्य के प्रत्यक्ष विक्रय उद्योग में लगभग 60 लाख प्रत्यक्ष विक्रेता कार्यरत हैं। 2013-14 में 58.3 प्रतिशत महिलाओं का योगदान है।”
उन्होंने कहा, “प्रत्यक्ष विक्रेताओं में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, और वर्तमान 25,51,189 महिलाओं में से, उनकी संख्या आठ प्रतिशत बढ़कर 2025 तक 55,07,820 स्वरोजगारयुक्त महिलाएं होने की उम्मीद है।”
छवि हेमंत ने कहा है कि यह दिलचस्प बात है कि पूर्णकालिक स्व-रोजगारयुक्त प्रत्यक्ष विक्रेताओं में 64 प्रतिशत महिलाएं और अंशकालिक प्रत्यक्ष विक्रेताओं में 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारतीय बुनियाद का महिलाओं को अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को प्रबंधित करने के लिए प्रत्यक्ष विक्रय में लचीलापन मिलता है।
छवि हेमंत ने जोर देकर कहा, “प्रत्यक्ष विक्रय शहरी और ग्रामीण महिलाओं के लिए अत्यधिक संभावित कारोबार का अवसर है। शुरुआत करने वालों के लिए, इसमें प्रवेश के लिए बिना किसी रोक-टोक के, अमूल्य कारोबार स्वामित्व का अहसास होता है। इसमें लघु-उद्यमिता को भी प्रोत्साहित किया जाता है।”
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि “प्रत्यक्ष विक्रय जगत तेजी से ऊभर रहा है और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि, महिला सशक्तिकरण में प्रोत्साहन मिल रहा है और इसका सम्पूर्ण आर्थिक तंत्र मंे बड़ा महत्व है।”
इसके अतिरिक्त छवि हेमंत ने यह भी कहा, “कल्याण, सौंदर्य और पर्सनल केयर जैसे क्षेत्र भारतीय प्रत्यक्ष विक्रय बाजार में छाए हुए हैं; जिससे महिला के स्व-रोजगार और सशक्तिकरण में वृद्धि हुई है। इस वर्ष, उद्योग जगत का ध्यान, महिलाओं के लिए उद्यमिता अवसर को अधिक मजबूत और प्रदर्शित करना है।”
डायरेक्टर रिसर्च, पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. एस.पी. शर्मा के अनुसार, “महिलाओं ने काफी वर्षों से राष्ट्र के आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान दिया है। लैंगिक समानता की अवधारणा वैश्वीकरण और उदारीकरण के आलोक में रफ्तार पकड़ ली है और दुनिया भर में पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की स्थिति में एक अभूतपूर्व बदलाव आया है। महिलाओं का केवल घरेलू जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए प्रयोग किया जाता था, मगर महिलाएं प्रभावी ढंग से अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्र में भाग ले रही हैं।”
उन्होंने कहा, “समाज में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को ध्यान में रखते हुए, डायरेक्ट सेलिंग, स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के मामले में महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”