संयुक्त राष्ट्र, 22 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहा है। उसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस संकट से निपटने में मदद की गुहार लगाई है।
उत्तर कोरिया ने कहा कि सूखे और बाढ़ की वजह से पैदावार कम होने के कारण वह राशन में कटौती करने को मजबूर है और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के प्रभाव से स्थिति खराब हो गई है।
उत्तर कोरिया ने यह गुहार अपने नेता किम जोंग-उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 27-28 फरवरी को होने जारी दूसरी शिखर वार्ता से पहले लगाई है। दोनों नेता कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त करने पर बातचीत करने वाले हैं।
गार्जियन की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, बिना तारीख के संयुक्त राष्ट्र के नाम दो पृष्ठों के ज्ञापन में प्योंगयांग ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से खाद्य संकट की स्थिति का समाधान करने की दिशा में शीघ्र कदम उठाने का आह्वान किया है।
उत्तर कोरिया सरकार ने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि उसे इस साल चावल, गेहूं, आलू और सोयाबीन समेत 14 लाख टन खाद्य पदार्थ की कमी के संकट से जूझना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने गुरुवार को कहा, “सरकार ने देश में मौजूद अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से खाद्य सुरक्षा के प्रभाव का समाधान करने का आग्रह किया है।”
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, फसलों के उत्पादन में भारी कमी होने से उत्तर कोरिया में 1.03 करोड़ आबादी को भोजन की जरूरत है, जोकि देश की तकरीबन आधी आबादी है।