ओस्लो, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। नार्वे की नोबेल पुरस्कार समिति ने वर्ष 2015 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सामाजिक संगठनों के समूह ‘नेशनल डायलाग क्वार्टेट’ को चुना है। समिति ने शुक्रवार को इस पुरस्कार की घोषणा की।
समिति ने कहा कि क्वार्टेट की स्थापना वर्ष 2013 में उस वक्त की गई थी, जब देश में लोकतंत्र खतरे में था। देश में हर तरफ विद्रोह की लहरें थीं, राजनीति काम नहीं कर पा रही थी।
समिति की रपट में कहा गया है कि देश जब गृहयुद्ध की कगार पर था, उस समय इस समूह ने एक वैकल्पिक, शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत की।
क्वार्टेट में मुख्यतया चार सामाजिक संगठन शामिल हैं। द ट्यूनीशियन जनरल लेबर यूनियन, द ट्यूनीशियन कंफेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री, ट्रेड एंड हैंडीक्राफ्ट्स : द ट्यूनीशियन ह्यूमन राइट्स लीग एवं द ट्यूनीशियन ऑर्डर ऑफ लायर्स।
समिति की रपट में कहा गया है कि राजनीतिक उथल-पुथल और सामाजिक विद्रोह के बीच क्वार्टेट ने शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विकास में मध्यस्थ के रूप में पहल की।
ट्यूनीशिया में अरब विद्रोह की शुरुआत के बाद वहां के शासक जिने-अल अबेदीन बेन अली को जनवरी 2011 में सत्ता से हटना पड़ा था। लेकिन इससे बाद कुछ वर्षो तक देश राजनीतिक संकट से दो-चार होता रहा।
नोबेल पुरस्कारों में केवल शांति पुरस्कार की घोषणा ओस्लो में की जाती है।
इससे पहले स्वीडन के स्टॉहोम में रसायन शास्त्र के लिए तीन वैज्ञानिकों टॉमस लिंडाल, पॉल मॉडरिश एवं अजीज सैंकर को डीएनए की मरम्मत पर अध्ययन के लिए वर्ष 2015 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी।
भौतिकी क्षेत्र में दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से 2015 के नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। जापान के ताकाकी कजीता और कनाडा के आर्थर बी.मैकडॉनल्ड को यह नोबेल संयुक्त रूप से दिया जाएगा।
चिकित्सा के क्षेत्र में साल 2015 का नोबेल पुरस्कार आयरलैंड में जन्मे विलियम कैंपबेल, चीन की तू यूयू व जापान के सातोशी ओमूरा ने जीता है।
इसी तरह साहित्य का नोबेल पुरस्कार बेलारूस की लेखिका व पत्रकार श्वेतलाना अलेक्शिविच को साहित्य के क्षेत्र में 2015 का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा।