कर्नाटक-देश में हाल के दिनों में माहौल बिगाड़ने और आपसी सद्भाव को प्रभावित करने के लिए लिए जो घटनाक्रम हो रहे हैं वे किसी ना कहीं सियासत से प्रेरित और प्रायोजित नजर आ रहे हैं। समाज में नफरत घोलने की एक के बाद एक खबरें सामने आ रही है। ताजा मामला भाजपा शासित राज्य कर्नाटक का है। बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद अभी चल रही रहा है इसी बीच मंदिर और मस्जिद को लेकर कर्नाटक में भी एक नया विवाद सामने आ गया है। भगवा खेमे के निशाने पर अब कर्नाटक के मांड्या में बनी जामा मस्जिद है। अब दावा किया जा रहा है कि टीपू सुल्तान ने एक हनुमान मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। ऐसे में अब यह मांग की जा रही है कि इसे अब फिर से वापस हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए।
मांड्या के कलेक्टर को नरेंद्र मोदी विचार मंच के सदस्यों ने एक ज्ञापन सौंपकर दावा किया कि मस्जिद एक हनुमान मंदिर पर बनाई गई थी और इसे हिंदुओं को सौंपा जाना चाहिए। जामा मस्जिद के रूप में जानी जाने वाली ये मस्जिद 236 साल पुरानी बताई जाती है। श्रीरंगपट्टन में बनी ये मस्जिद अब नए विवाद का कारण बन सकती है। विचार मंच के सचिव सीटी मंजूनाथ का कहना है कि पर्सिया के शासक को लिखे पत्र में टीपू ने कहा था कि उसने हनुमान मंदिर को तोड़कर ये मस्जिद बनवाई थी। इसके स्तंभों पर हिंदू श्लोक लिखे हुए हैं।
उनका दावा है कि 1782 में हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के बाद टीपू सुल्तान ने मस्जिद का निर्माण कराया था। यह साबित करने के लिए पुख्ता सबूत हैं कि मस्जिद कभी हिंदू मंदिर थी। मस्जिद के अंदर तत्कालीन होयसला साम्राज्य के प्रतीक हैं। मंजूनाथ का कहना है कि हिंदुओं को इसमें पूजा करने की अनुमति दी जाए।