नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। टीकों के विकास एवं अनुसंधान की दिशा में काम करने वाली ‘हिलेमन लेबोरेटरीज’ ने भारत में प्रतिरक्षी क्षमता की विषम अनुपात को कम करने की दिशा में अन्य टीकों के लिए भी अपने ‘थर्मोस्टेबल फॉम्र्यूलेशन’ के विस्तार की घोषणा की।
हिलेमन की योजना भारत के विस्तारपरक कार्यक्रम के माध्यम से वर्ष 2020 तक 90 प्रतिशत कवरेज को हासिल करने के उद्देश्य में अपनी भागीदारी को बढ़ाना है।
हिलेमन लैबोरेटरीज द्वारा विकसित नए टीके विभिन्न वातावरण एवं तापमान वाले इलाकों में भी अधिक सुरक्षित अधिक प्रभावी रहते हैं।
विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के ग्लोबल वैक्सीन एक्शन प्लान का एक हिस्सा है और इसका आयोजन 24 से 30 अप्रैल 2015 तक किया जाएगा।
विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह के अवसर पर हिलेमन लेबोरेटरीज के मुख्य कार्यकारी देवेंदर गिल ने कहा, “भारत विश्व में टीके का सबसे बड़ा निर्माता है, लेकिन यह वास्तव में बेहद दुख की बात है कि इस देश में गैर-प्रतिरक्षित बच्चों की विशालतम संख्या है, जो लगभग 70 लाख है।”
उन्होंने कहा, “देश में प्रतिरक्षण की वर्तमान स्थिति काफी विषम है। देश के विभिन्न राज्य टीकाकरण के माध्यम से सुरक्षा के विविध स्तरों को हासिल करने में सफल रहे हैं। देश को तकनीकी की निरंतर उपलब्धता की आवश्यकता है।”
गिल ने इस अवसर पर कहा कि हिलेमन लेबोरेटरीज का उद्देश्य न सिर्फ टीकों की उपलब्धता में बढ़ोतरी करना है, बल्कि टीकों को वहन योग्य भी बनाना है, इसके लिए कंपनी टीका निमार्ताओं से सहयोग एवं समर्थन का अनुरोध करती है।