रांची, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) द्वारा शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, झारखंड में निवेशकों के विश्वास में कमी आई है।
अध्ययन के मुताबिक, “साल 2014-15 पर गौर करें, तो झारखंड ने 6.4 लाख करोड़ रुपये के कुल बकाया निवेश को आकर्षित किया, जिसमें 52 फीसदी निर्माण क्षेत्र, 37 फीसदी बिजली व छह फीसदी खनन क्षेत्र की हिस्सेदारी रही है।”
विज्ञप्ति के मुताबिक, “झारखंड में होने वाले नए निवेश में हर साल गिरावट दर्ज की जा रही है। साल 2005-06 के दौरान यह एक लाख करोड़ था, जो साल 2014-15 के दौरान घटकर 33 हजार करोड़ रह गया।”
अध्ययन ‘डिले इन इनवेस्टमेंट इंप्लीमेंटेशन इन झारखंड : एन एनालिसिस’ के मुताबिक, इसके अलावा भारत भर में विभिन्न क्षेत्रों द्वारा नए निवेश को आकर्षित करने वाले राज्यों की साझेदारी साल 2005-06 के दौरान 15 फीसदी से घटकर साल 2014-15 के दौरान तीन फीसदी रह गई है।
एसोचैम के आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो द्वारा तैयार अध्ययन के मुताबिक, “इसके अलावा, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में झारखंड के योगदान में साल 2004-05 से साल 2013-14 के दौरान गिरावट देखी गई। साल 2004-05 के दौरान 2 फीसदी, जबकि साल 2013-14 के दौरान 1.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जो राज्य के धीमे आर्थिक विकास को दर्शाता है।”
एसोचैम के सचिव डी.एस.रावत ने कहा, “भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण व गैर पर्यावरण से मंजूरी में कमी, फंड की कमी, कम ब्याज, बाजार के प्रतिकूल हालात, कुशल श्रमिकों की कमी, ईंधन व कच्चे माल की कम आपूर्ति व आदेश संबंधी समस्याएं इनके मूल में हैं।”