झारखंड के चतरा जिले में सीपीआई (माओवादी) से अलग हुए एक ग्रुप तृतीय प्रस्तुति कमिटी (टीपीसी) के साथ हुई मुठभेड़ में 15 माओवादी मारे गए हैं। पुलिस ने गुरुवार को घटना की जानकारी देते हुए बताया टीपीसी के साथ बीती रात हुई एक मुठभेड़ में ये माओवादी मारे गए हैं। चतरा के जिलाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि लकरबंधा गांव के पास से 15 माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। ये सभी टीपीसी के साथ बीती रात हुई एक मुठभेड़ में मारे गए हैं। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक इस मुठभेड़ में 4-5 जोनल कमांडरों के मारे जाने की भी आशंका है। चतरा के एसपी अनुप बरथरे घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं।
बरथरे ने बताया कि माओवादियों और टीपीसी कैडरों के बीच बुधवार की शाम शुरू हुई यह मुठभेड़ देर रात तक चलती रही। उन्होंने कहा कि कोबरा बटालियन और जिला पुलिस के जवानों के मौके पर पहुंचने के कारण विद्रोही ये शव अपने साथ नहीं ले जा सके। पुलिस ने घटना स्थल से 6 हथियार भी बरामद किए हैं। टीपीसी ने न्यूज चैनलों को फोन कर 15 अन्य माओवादियों के अपहरण करने का दावा भी किया है। हालांकि, जब इस बारे में बरथरे से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस को इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।झारखंड में सीपीआई (माओवादी) की विभिन्न नीतियों पर उभरे मतभेद के कारण संगठन के कई कैडर 2002 में इससे अलग हो गए थे और टीपीसी का गठन किया था। इस गुट ने पुलिस की बजाए माओवादियों को ही अपना प्रमुख दुश्मन घोषित कर रखा है। पिछले कुछ समय से माओवादियों के साथ रस्साकशी कर रहे इस संगठन (टीपीसी) की झारखंड के लातेहार, चतरा और पलामू जिलों में मजबूत पकड़ है। झारखंड के रांची से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गांव चतरा जिले के कुंडा पुलिस थाने के अधीन आता है।