हजारीबाग (झारखंड), 4 जुलाई (आईएएनएस)। कभी बाग-बगीचों के लिए प्रसिद्घ झारखंड के हजारीबाग में अब जल समस्या को लेकर जल संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है। हजारीबाग जिले के कटकमसांडी के लुपुंग ग्राम पंचायत के मुखिया दिलीप कुमार रविदास जल संरक्षण के लिए अभिनव प्रयोग कर रहे हैं। इसी प्रयोग और लोगों में इस कार्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में दिलीप का संदेश पूरे देश को सुनाया।
हजारीबाग (झारखंड), 4 जुलाई (आईएएनएस)। कभी बाग-बगीचों के लिए प्रसिद्घ झारखंड के हजारीबाग में अब जल समस्या को लेकर जल संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है। हजारीबाग जिले के कटकमसांडी के लुपुंग ग्राम पंचायत के मुखिया दिलीप कुमार रविदास जल संरक्षण के लिए अभिनव प्रयोग कर रहे हैं। इसी प्रयोग और लोगों में इस कार्य के प्रति जागरूकता पैदा करने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में दिलीप का संदेश पूरे देश को सुनाया।
दिलीप कुमार ने जहां जल संवर्धन के लिए अपने पंचायत के चापाकलों के पास शॉकपिट (पनसोखा) का निर्माण करवाया है वहीं पंचायत के मृतप्राय तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य करवा रहे हैं। इस कार्य में गांव और पंचायत के लोगों के अलावा हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल ने भी मदद की।
दिलीप ने आईएएनएस से कहा, “पहले ग्राम सभा कर आम ग्रामीणों को पानी के महत्व और बरसाती पानी के संचयन को लेकर जागरूक किया। शुरू में तो कई समस्याएं आई परंतु बाद में इस मुहिम में पूरा गांव जुड़ता गया। आज गांव के लोग सरकारी योजनाओं से आशा नहीं रखकर खुद श्रमदान कर जल संचयन के कार्य में जुटे हुए हैं।”
दिलीप कहते हैं, “पंचायत के 15 से 20 सार्वजनिक चापानलों के आसपास तथा गांव के 40 से 45 घरों में शॉकपिट (पनसोखा) बनाया जा चुका है। गांव का हर घर पानी बचाने के लिए सजग है। पूरे पंचायत ने इसे एक अभियान के रूप में लिया गया है।”
उन्होंने बताया कि अभी चापानलों के पास ‘कंस्ट्रक्शन शॉकपिट’ बनाया गया है परंतु पानी बर्बादी रोकने के लिए ‘ड्रम शॉकपिट’ बनाए जाने का भी कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पंचायत के सरकारी भवन में भी वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की गई है।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मुखिया के संदेश को पूरे देश को सुनाया था। स्थानीय खोरठा भाषा में मुखिया ने अपने संदेश देते हुए कहा, “हमर नाम दिलीप कुमार रविदास हकय। पानी बचाने के लिए प्रधानमंत्री जब हमिन के चिट्ठी लिखलथीन तो विश्वास न होवो लागल कि प्रधानमंत्री हमीन के चिट्ठी लिखथीन। जब 22 जून को गांव के लोगों को इकट्ठा करके प्रधानमंत्री का चिट्ठी पढकर सुनाइलिये, तो लोग उत्साहित भेलथीन। पानी बचाने के लिए नए तालाब और पुराने तालाब की सफाई के लिए श्रमदान भागीदारी निभाने के लिए गांव के लोग तैयार हेलथीन। बारिश से पहले यह उपाय कर आगे पानी की दिक्कत न होतय। प्रधानमंत्री ठीक समय पर हमीन के अगाह करलथीन।”
दिलीप कहते हैं कि पंचायत में सबसे पहले चापानल से निकलने वाले पानी की बर्बादी को रोकने की पहल प्रारंभ की गई। चापानल में नहाने, कपड़ा धोने के बाद बर्बाद होने वाले पानी शॉकपिट में पहुंचने लगा तो गांववालों को लाकर दिखाया गया कि इस तरह इस चापानल का पानी बर्बाद होने से बच रहा है। इससे गर्मी में सभी चापानलों से पानी निकलता रहा, जबकि पहले कुछ चापानलों से गर्मी में पानी नहीं निकलता था।
मुखिया दिलीप ने पंचायत के आठ से नौ तालाबों को भी विधायक मनीष जायसवाल के सहयोग से जीर्णोद्धार कराया। दिलीप के सहयोग में लगे नवयुवक संघ के दीपक मेहता ने कहा कि विधायक ने अपने प्रयास से चार तालाब खुदवाने के लिए संसाधन उपलब्ध करा दिए, उसके बाद गांव के लोगों ने इकट्ठा होकर श्रमदान किया।
दिलीप ने आगे की योजनाओं के बारे में कहा, “पंचायत के सभी गांवों में जितनी भी परती सरकारी जमीन है इन सभी परती जमीनों में ट्रेंच काटकर फलदार और इमारती लकड़ी के पौधे लगाने का भी प्रस्ताव प्रखंड और जिला मुख्यालय को दिया गया है, जिससे जल संरक्षण का यह कार्य हो सके।”
प्रधानमंत्री द्वारा संदेश सुनाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर दिलीप ने कहा, “मेरे लिए यह बड़ा सम्मान है। ऐसा सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारी बातों को देश स्तर पर सुनाया जाएगा। इससे मुझे बहुत ऊर्जा मिली है। अब लगता है कि हम कुछ कर दिखाएं।”
विधायक मनीष जायसवाल ने भी दिलीप के इस कार्य को सभी जनप्रतिनिधियों के लिए सीख देने वाला बताते हुए कहा कि आज अपने ग्राम पंचायत के मुखिया के किए गए कार्यो से यहां के किसान धनिया और टमाटर की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ हो रहा है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा कि आज पंचायत में एक-एक बूंद बरसाती पानी के संचयन करने की योजना बनी है। ऊपरी जमीन से बरसाती पानी को ट्रेंच बनाकर तालाब में लाया जा रहा है। जायसवाल ने दिलीप को ‘जल पुरुष’ बताते हुए कहा कि इन्होंने आसपास के लोगों को पानी ही नहीं भविष्य की सुरक्षा के लिए अनोखा पाठ पढ़ाया है।