रांची, 15 सितम्बर (आईएएनएस)। झारखंड में हजारों जनजातीय लोगों ने अधिग्रहण के लिए दो भूमि अधिनियमों में बदलाव के कदम को लेकर गुरुवार को रघुवर दास सरकार के खिलाफ रैली में हिस्सा लिया।
रांची के मोराबादी मैदान में जनजातीय लोगों ने आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के बैनर तले रैली में हिस्सा लिया।
वे झारखंड सरकार के छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम और संथाल परगना अधिनियम में बदलाव के कदम का विरोध कर रहे थे।
इन बदलावों के प्रभावी होने के बाद, जनजातीय भूमि का अधिग्रहण सड़क, बिजली संयंत्र, मॉल्स और दूसरे कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा।
कृषि भूमि का इस्तेमाल गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा।
प्रदर्शनकारी भूमि अधिनियमों में बदलाव के खिलाफ बैनर और नारे लिए हुए थे। झारखंड सरकार ने बदलाव के लिए जून में एक अध्यादेश लाया था।
अध्यादेश को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेज दिया है। राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश को सरकार को भेज दिया है।
केंद्र सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इस पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से राय मांगी है। राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने झारखंड सरकार के इन दो भूमि अधिनियमों में बदलाव के कदम को खारिज कर दिया है।
रैली में भाग लेने वाली वीना उरांव ने आईएएनएस से कहा, “रघुवर दास सरकार हमारी जमीन छीनने की कोशिश कर रही है। हम विरोध करेंगे और हम अपने जमीन के अधिग्रहण की इजाजत नहीं दे सकते। बीता इतिहास बताता है कि जनजातीय लोगों को बेवकूफ बनाकर उनकी जमीन अधिग्रहित कर ली गई। हम अपने राज्य में दोयम दर्जे के नागरिक हो गए हैं।”