लीमा, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मौजूदा वैश्विक सुस्ती के बीच संयुक्त राष्ट्र के टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए वित्तीयन के अपारंपरिक तरीके अपनाने का आग्रह किया है।
भारतीय वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान के मुताबिक, पेरू की राजधानी लीमा में जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक को संबोधित करते हुए गुरुवार को जेटली ने कहा, “भारत ने सरकारी निवेश बढ़ा दिया है, जो निजी निवेश में कमी की भरपाई कर रहा है।”
उन्होंने पहचान आधारित वित्तीय समावेशीकरण योजना के बारे में बताया, जिसके तहत 18 करोड़ नए बैंक खाते खोले गए हैं, जिससे विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी सीधे खाते में हस्तांतरित की जा सकती है।
एसडीजी के तहत 17 लक्ष्य तय किए गए हैं, जो सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों (एमडीजी) की जगह लेंगे, जिसमें आठ लक्ष्य तय किए गए थे, जिन्हें 2015 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
टिकाऊ विकास के लिए एसडीजी के 17 नए लक्ष्यों में प्रमुख हैं गरीबी और भूख मिटाना, असमानता दूर करना, महिला सशक्तीकरण, टिकाऊ आर्थिक विकास, टिकाऊ खपत और उत्पादन को बढ़ावा देना, जलवायु परिवर्तन से निपटना, रोजगार बढ़ाना, अवसंरचना सुधार और जिम्मेदार और समावेशी संस्थानों की स्थापना करना।