नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि पूरे देश के उच्च न्यायालयों को यह अपने दिमाग में रखना चाहिए कि एक व्यक्ति को वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) के तहत कर जमा नहीं करने के लिए उचित प्राधिकारी द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसके अंतर्गत गिरफ्तारी के प्रावधानों के विरुद्ध एक याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया गया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक अवकाश पीठ ने देखा किउच्च न्यायालयों ने जीएसटी के तहत कर जमा नहीं करने के आरोपियों को अग्रिम जमानत देने पर कोई विचार नहीं अपनाया है।
अदालत ने यह भी कहा कि कानून के अंतर्गत गिरफ्तार करने की शक्तियों के संबंध में निर्णय लेने के लिए मामले को तीन न्यायाधीशों की एक पीठ के पास भेजा जाएगा।
केंद्र ने जीएसटी विधेयक के अंतर्गत बिना एफआईआर दर्ज किए किसी व्यक्ति को संबंधित अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार करने की शक्तियों से जुड़े स्पष्टीकरण को लेकर शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसके बाद अदालत ने यह नोटिस जारी किया है।