भू-संदर्भित इस फॉरेस्ट एटलस में छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक वन संपदा सहित नदी-घाटी क्षेत्र, वन मंडलों के स्तर पर मिट्टी के प्रकार और गहराई के साथ जल ग्रहण क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति, गैर काष्ठीय वनोपज, बांस क्षेत्र और प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता को भी प्रदर्शित किया गया है। इससे वनों के विकास और प्रबंधन की कार्ययोजना बनाने में आसानी होगी।
वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र और प्रस्तावित हाथी कॉरीडोर को भी एटलस में दर्शाया गया है। इसमें संकलित राज्य के वन-आवरण और संबंधित जानकारी भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान के पचास हजार स्केल के डिजिटल डाटा तथा छत्तीसगढ़ राज्य में उपलब्ध डाटाबेस से ली गई है। यह पूरा एटलस औपचारिक एवं प्रमाणित अभिलेखों पर आधारित है।
जावड़ेकर ने कहा कि यह एटलस भविष्य के वन प्रबंधन के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
अधिकारियों ने बताया कि यह भू-संदर्भित फॉरेस्ट एटलस छात्र-छात्राओं और वानिकी में रुचि लेने वाले नागरिकों के लिए अध्ययन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होगा।