नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। जागरण फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को दर्शकों ने फिल्मों के साथ-साथ कॉफी टेबल सत्र का पूरा लुत्फ उठाया। इस सातवें फिल्म समारोह में अगले तीन दिन सिनेमा प्रेमियों को सिनेमा दिखाने के साथ-साथ इससे जुड़ी बारीकियों से भी परिचित कराया जाएगा।
सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह के दूसरे दिन दर्शकों ने मयंक शेखर, वाणी त्रिपाठी, सुधांशु त्रिवेदी, निर्देशक सुधीर मिश्रा और संपादक कावेरी बमजई के साथ ‘इज सिनेमा ओवर रेगुलेटेड’ विषय पर चर्चा में हिस्सा लिया।
एक ओर जहां सुधीर ने इस चर्चा की जरूरत बताई, वहीं वाणी ने सेंसरशिप व प्रमाणन के अंतराल को समझाया।
सुधांशु ने सिनेमा से जुड़े विभिन्न पक्षों पर जरूरत के अनुसार सरकार द्वारा लिए जाने वाले कदमों से अवगत कराया। सेशन के दौरान हुए सवाल-जवाब में पेनलिस्ट ने उपस्थित लोगों के सवालों का जवाब दिया।
इस पूरे सत्र के दौरान आपसी चर्चा के बाद निकले निष्कर्ष में यह सामने आया कि फिल्मकार हो या दर्शक सबकी मानसिकता में बदलाव की जरूरत है, क्योंकि मानसिकता के आधार पर ही सिनेमा बेहतर बनेगा और दर्शकों द्वारा उसे अपनाया जा सकेगा।
दूसरे दिन दिखाई गई फिल्मों में वी. शांताराम की ‘गीत गाया पत्थरों ने’, के.डी. सत्यम की ‘बॉलीवुड डायरीज’, रजत कपूर की ‘प्राइवेट डिटेक्टिव’, अपर्णा सेन की ‘आर्शीनगर’, ‘सारी रात’ व ‘जीवन साथी’, बिजॉय नाम्बियार की ‘दोबारा’ सहित ‘रेट्रोस्पेक्टिव सेगमेंट’ में नसीरूद्दीन शाह की ‘वेटिंग’ दिखाई गई। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय फिल्में भी दिखाई गईं।
बहुप्रतीक्षित फिल्म महोत्सव की शुरुआत अभिनेता नसीरुद्दीन, निर्देशक केतन मेहता, निर्देशक सुधीर मिश्रा, पाकिस्तानी निर्देशक खालिद अहमद, जागरण समूह के संजय गुप्ता सहित अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में हुई।
दिल्ली के बाद यह फिल्म समारोह कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा, मेरठ, देहरादून, हिसार, लुधियाना, पटना, रांची, जमशेदपुर, रायपुर, इंदौर, भोपाल की यात्रा करेगा और इसका समापन मुंबई में होगा।