नई दिल्ली– जी टीवी के एंकर रोहित रंजन को आज (मंगलवार) उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित उनके घर में पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया. यह गिरफ्तारी समाचार चैनल द्वारा राहुल गांधी के एक बयान को उदयपुर में हुई दर्जी कन्हैया लाल की हत्या से जोड़कर दिखाने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसे लेकर उसने माफी मांग ली थी.
बीते एक जुलाई को समाचार चैनल जी न्यूज़ ने अपने प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान चलाकर कहा था कि वह उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को ‘बच्चा’ बता रहे हैं, जबकि उक्त बयान उन्होंने केरल के वायनाड में उनके कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के संदर्भ में दिया था.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दो राज्यों – कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और भाजपा शासित उत्तर प्रदेश – के पुलिसकर्मी मंगलवार सुबह नाटकीय अंदाज में एंकर को हिरासत में लेने के लिए लड़ते और धक्का-मुक्की करते देखे गए.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने एंकर को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन यूपी की गाजियाबाद पुलिस द्वारा उसे रोक दिया गया और एंकर को वह अपने साथ ले गई.
इससे पहले जब मंगलवार सुबह 5:30 बजे छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम रोहित रंजन के घर पहुंची तो उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को ट्वीट कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसढ़ पुलिस बिना स्थानीय पुलिस को सूचित किए उन्हें हिरासत में लेने आई है.
रोहित रंजन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य की पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘छत्तीसगढ़ पुलिस स्थानीय पुलिस को जानकारी दिए बिना मुझे गिरफ्तार करने के लिए मेरे घर के बाहर खड़ी है, क्या यह कानूनन सही है?’
कुछ देर बाद ही छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने उस ट्वीट पर जवाब दिया कि उसके पास वारंट है, उसे किसी को सूचित करने की जरूरत नहीं थी.
रायपुर पुलिस के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ‘सूचित (स्थानीय पुलिस को) करने का ऐसा कोई नियम नहीं है. फिर भी, अब उन्हें सूचित कर दिया गया है. आपको वास्तव में सहयोग करना चाहिए, जांच में शामिल हों और कोर्ट में अपने बचाव में पक्ष रखें.’
छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने से रोकते हुए गाजियाबाद पुलिस रोहित रंजन को किसी अज्ञात स्थान पर ले गई. वे वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में हैं, जहां उन पर अपेक्षाकृत हल्के और जमानती आरोप लगाए गए हैं.
पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी बताया था कि राहुल गांधी का एक वीडियो उदयपुर की घटना से जोड़कर प्रसारित किए जाने के संदर्भ में पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भाजपा सांसद सुब्रत पाठक एवं भोला सिंह और भाजपा विधायक कमलेश सैनी और कुछ अन्य के खिलाफ छह राज्यों में शिकायत दर्ज कराई गई है.