Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 जल संकट से सहमा शिमला का पर्यटन उद्योग | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

Home » भारत » जल संकट से सहमा शिमला का पर्यटन उद्योग

जल संकट से सहमा शिमला का पर्यटन उद्योग

शिमला, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। अपनी खूबसूरती और मौसम के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने वाला शहर शिमला आज जल संकट से जूझ रहा है। आज हालात ऐसे हो चुके हैं कि यहां के होटलों के साथ-साथ पर्यटकों को भी जरूरत की हर बाल्टी पानी के लिए मोटी रकम ढीली करनी पड़ रही है।

शिमला, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। अपनी खूबसूरती और मौसम के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने वाला शहर शिमला आज जल संकट से जूझ रहा है। आज हालात ऐसे हो चुके हैं कि यहां के होटलों के साथ-साथ पर्यटकों को भी जरूरत की हर बाल्टी पानी के लिए मोटी रकम ढीली करनी पड़ रही है।

लखनऊ से यहां पर्यटक के रूप में आईं दीप्ति भटनागर ने आईएएनएस से कहा, “जिस होटल में हम लोग ठहरे हैं, वहां बिल्कुल पानी नहीं है। एक बाल्टी पानी के लिए हमसे 100 रुपये लिए गए।”

उनके पति प्रज्ञा ने कहा, “संभवत: यह देश का एकमात्र पर्यटन स्थल है जहां पर्यटकों से शायद यह उम्मीद की जा रही है कि वे पानी साथ लेकर आएं।”

शिमला के अधिकांश नल सूखे हुए हैं। पानी की आपूर्ति दो-तीन दिनों में एक बार ही होती है। आस पास के इलाकों में तो हफ्ते में एक ही दिन नल से पानी मिलता है।

इससे शिमला के 450 होटल और गेस्ट हाउस के मालिक और प्रबंधक बहुत दुखी हैं।

ओबेराय समूह के क्लार्क्‍स होटल के महाप्रबंधक डी. पी. भाटिया ने आईएएनएस से कहा, “हम अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए पांच हजार रुपये में तीन हजार लीटर पानी का टैंकर खरीद रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि निजी आपूर्तिकर्ता शिमला के बाहरी इलाकों में स्थित प्राकृतिक संसाधनों से ही होटलों में बेचने के लिए पानी ला रहे हैं।

नगर निकाय के अधिकारियों का कहना है कि दो जनवरी को जब से पीलिया फैलने के बाद अश्वनी कुंड से पानी की आपूर्ति रोक दी गई, तब से पानी की कमी और अधिक हो गई है।

पीलिया फैलने से पहले शिमला की एक तिहाई आबादी के लिए अश्वनी कुंड जल स्रोत था और वहां से प्रति दिन एक करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति होती थी।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यहां गुरुवार को आपातकालीन बैठक में अधिकारियों को कुंड को प्रदूषण मुक्त करके का उपाय करते हुए इससे पानी की आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया।

राज्य सरकार ने विधानसभा को पिछले हफ्ते जानकारी दी है कि शिमला में प्रति दिन 4.2 करोड़ से 4.3 करोड़ लीटर पानी की खपत है लेकिन आपूर्ति 3.2 करोड़ से 3.5 करोड़ लीटर हो रही है।

सरकार ने कहा है कि शहर में पानी हर दूसरे दिन मात्र 45 से 90 मिनट दिया जा रहा है।

हालांकि, लगता है यह दावा भी बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है।

स्थानीय विधायक सुरेश भारद्वाज ने पानी संकट का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि तीन-चार दिन के बाद महज 20-25 मिनट के लिए पानी आता है।

जल संकट से सहमा शिमला का पर्यटन उद्योग Reviewed by on . शिमला, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। अपनी खूबसूरती और मौसम के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने वाला शहर शिमला आज जल संकट से जूझ रहा है। आज हालात ऐसे हो चुक शिमला, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। अपनी खूबसूरती और मौसम के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने वाला शहर शिमला आज जल संकट से जूझ रहा है। आज हालात ऐसे हो चुक Rating:
scroll to top