भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ओंकारेश्वर जलाशय को भरने से पूर्व की समस्त औपचारिकताएँ समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय में नर्मदा घाटी विकास विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अजय नाथ एवं प्रमुख सचिव नर्मदा घाटी विकास श्री रजनीश वैश्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अलीराजपुर जिले में नर्मदा का जल पहुँचाने की योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाय। उन्होंने बरगी डायवर्सन परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन 12 किलो मीटर लम्बी सुरंग के कार्य की प्रगति की जानकारी लेकर कार्य को गति प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना को रिकॉर्ड समय में पूर्ण करने के लिये विभाग को बधाई दी।
इस अवसर पर बताया गया कि मालवा – गंभीर लिंक परियोजना का कार्य प्रगति पर है। योजना में 15 घन मीटर प्रति सेकेण्ड जल की उपलब्धता होगी। इसमें 12.5 घनमीटर प्रति सेकेंड के मान से सिंचाई के लिये जल उपलब्ध होगा। इससे 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। पीने के लिये 1.5 और उद्योगों के लिए एक घन मीटर प्रति सेकेंड जल की उपलब्धता होगी।
वर्ष 2014-15 अवधि में नर्मदा घाटी परियोजनाओं से 81 हजार 45 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित करने और कुल 3 लाख 66 हजार 187 हेक्टेयर रकबे को वास्तविक सिंचाई उपलब्ध करवाया जाना लक्षित है। सौ दिवसीय कार्य-योजना में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की निर्मित और निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं से 2 लाख 86 हजार हेक्टेयर रकबे को सिंचाई उपलब्ध करवाने के लक्ष्य के विरूद्ध 2 लाख 86 हजार 187 हेक्टेयर रकबे को सिंचाई उपलब्ध करवाई गई। कार्य-योजना में 78 हजार 795 हेक्टेयर नई सिंचाई क्षमता सृजित करने के लक्ष्य के विरूद्ध 78 हजार 800 हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षमता निर्मित की गई।