बेंगलुरू- तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता तीन हफ्ते जेल में रहीं। सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद वह शनिवार को रिहा होंगी। वह जेल में सुबह जल्दी उठ जाती थीं। अखबार पढ़तीं और फिर दोपहर में दही-चावल खाने के बाद आराम करतीं और रोज शाम को टहलतीं और रात में जल्दी सोने चली जाती थीं। कर्नाटक के डीआईजी (जेल) पी.एम. जयसिम्हा ने जया को जमानत मिलने से पहले आईएएनएस को बताया था कि जयललिता स्वस्थ हैं और अब उनकी तबीयत स्थिर है। डायबिटीज और पीठदर्द से पीड़ित पूर्व मुख्यमंत्री के लिए एक डॉक्टर जेल में 24 घंटे मौजूद रहा है।
जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाए जाने पर बेंगलुरू की सेंट्रल जेल भेजा गया था। पूर्व मुख्यमंत्री को चार साल की कैद और 100 करोड़ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेल में जयललिता के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं किए गए थे। जया के साथ भी वही नियम लागू हुए जो आम कैदियों के लिए हैं।
जयसिम्हा ने आईएएनएस को बताया कि जया की उम्र और जरूरत को देखते हुए उन्हें सेल में अकेले ही रखा गया था, जिसमें एक दरी, चादर, सीलिंग फैन और एक-मेज कुर्सी थी।
डॉक्टरी सलाह के अनुसार, जया सादा खाना खाती थीं। लंच में वह दो रोटी और दही-चावल खाती थीं, वही डिनर में भी लेती थीं।
रोज सुबह पौने पांच से छह के बीच वह जाग जातीं और फिर वह सुबह से दोपहर तक का समय कुछ अंग्रेजी और तमिल अखबार पढ़कर बितातीं। लंच के बाद वह आराम करतीं और फिर शाम में टहलने के लिए सेल के बाहर आती थीं। रात में वह जल्दी सो जाती थीं।
जयसिम्हा के मुताबिक, जया ने जेल वॉर्डन या अदालत से ही किसी प्रकार की विशेष मांग नहीं की।
जेल में रविवार के अलावा सुबह 10 बजे से लेकर 11:30 तक का समय कैदियों से मिलने का होता है, पर इतने दिनों में जयललिता ने किसी से भी मुलाकात नहीं की।
कई मंत्रियों, अधिकारियों और विधि निर्माता जया से मिलने आए लेकिन उन्होंने किसी से भी मुलाकात नहीं की। उनसे मिलने आने वालों को खाली हाथा लौटना पड़ा।
जेल में भी जयललिता केवल तीन लोग शशिकला नटराजन, वी. सुधाकरन और जे. अल्वारिसी से मिलतीं थी। इन तीनों को भी इसी मामले में चार साल की सजा मिली है। पर इन पर अदालत ने 10-10 करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया है।
बताया गया है कि इन तीनों से भी जया की मुलाकात शाम के समय ही होती थी, वह भी रोज नहीं।