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 जयपुर साहित्योत्सव में छाया कचौरी, समोसा | dharmpath.com

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जयपुर साहित्योत्सव में छाया कचौरी, समोसा

January 24, 2015 9:39 pm by: Category: भारत Comments Off on जयपुर साहित्योत्सव में छाया कचौरी, समोसा A+ / A-

images (3)जयपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस)। राजकुमार जयपुर साहित्य महोत्सव में मौजूद तो रहता है लेकिन उसे साहित्य से कोसों दूर तक कोई मतलब नहीं है। मशहूर लेखकों से मिलने और विभिन्न मुद्दों पर उनके विचार सुनने की बजाय वह महोत्सव स्थल के बाहर कचौरी और समोसा बेचने में व्यस्त रहता है।

जयपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस)। राजकुमार जयपुर साहित्य महोत्सव में मौजूद तो रहता है लेकिन उसे साहित्य से कोसों दूर तक कोई मतलब नहीं है। मशहूर लेखकों से मिलने और विभिन्न मुद्दों पर उनके विचार सुनने की बजाय वह महोत्सव स्थल के बाहर कचौरी और समोसा बेचने में व्यस्त रहता है।

राजधानी जयपुर के दिग्गी हाउस में जयपुर साहित्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

राजकुमार को लोग कुमार कहकर भी बुलाते हैं। राजकुमार ने आईएएनएस से कहा, “महोत्सव स्थल के बाहर स्थित अपनी दुकान पर बुधवार से अभी तक मैंने बहुत सारा नाश्ता बेचा है।”

यूं तो वह 10 रुपये प्रति पीस की दर से समोसा और कचौड़ी बेचता है लेकिन महोत्सव के लिए उसने इनकी कीमत दोगुनी कर दी है। जयपुर साहित्य महोत्सव बुधवार से शुरू हुआ था और यह रविवार को समाप्त होगा।

राजकुमार ने कहा, “ग्राहकों की बातें सुनना काफी रोचक होता है। लोग मेरी दुकान के पास खड़े होकर नाश्ता करते हैं और लेखकों और किताबों के बारे में बातचीत करते हैं। वास्तव में यह बहुत रोचक है। यद्यपि मैं ज्यादा कुछ नहीं समझ पाता हूं, पर मुझे उनकी बहस सुनते हुए काफी अच्छा लगता है, कभी-कभी बहस करते हुए वे उत्तेजित हो जाते हैं।”

महोत्सव स्थल के बाहर और भीतर चाय बेचने वालों की भी अच्छी कमाई हो जाती है। इस कड़कड़ती ठंड में कुल्हड़ चाय बहुत प्रचलित है। महोत्सव में आए प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों दोनों में ही इसकी खूब मांग है।

साहित्य महोत्सव में हर दिन भाग लेने वाली छात्रा कोमल ने कहा, “सर्दी के इस मौसम में कुल्हड़ चाय के अलावा आप और क्या इच्छा कर सकते हैं। इसकी खुशबू और स्वाद दोनों ही बहुत अच्छे हैं और चाय की गर्म चुस्कियां लेते हुए परिचर्चा करना और भी अच्छा लगता है।”

एक अनुमान के मुताबिक साहित्य महोत्सव के आयोजन स्थल के बाहर और भीतर हर दिन 70,000 रुपये से 100,000 रुपये के नाश्ते की बिक्री होती है, जिसमें 40-45 फीसदी चाय की बिक्री शामिल है। यहां पर चाय सस्ती नहीं मिलती, एक कुल्हड़ चाय के लिए 30 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

कुमार और चाय विक्रेता ही नहीं बल्कि महोत्सव स्थल के चारों ओर कई अन्य विक्रेता अच्छा खासा व्यापार कर रहे हैं।

जयपुर साहित्योत्सव में छाया कचौरी, समोसा Reviewed by on . जयपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस)। राजकुमार जयपुर साहित्य महोत्सव में मौजूद तो रहता है लेकिन उसे साहित्य से कोसों दूर तक कोई मतलब नहीं है। मशहूर लेखकों से मिलने और विभि जयपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस)। राजकुमार जयपुर साहित्य महोत्सव में मौजूद तो रहता है लेकिन उसे साहित्य से कोसों दूर तक कोई मतलब नहीं है। मशहूर लेखकों से मिलने और विभि Rating: 0
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