लंदन, 10 अक्टूबर- पहली सारंगी 16वीं शताब्दी के दौरान इटली में देखी गई थी। उसकी गुणवत्ता में सुधार के लिए तब से लेकर अब तक अनगिनत परिवर्तन किए गए हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। सारंगी के इतिहास को बेहतर तरीके से सामने लाने के लिए लेखक ने 400 वर्षो के इतिहास के दौरान इसके आकार और अन्य गुणों की नौ हजार तस्वीरों का विश्लेषण किया।
अध्ययन के मुताबिक, सारंगी का विशिष्ट आकार समूहबद्ध रूप में बहुपीढ़ी लूथियर फैमिली की देन है। साथ ही पारिवारिक उत्पत्ति सारंगी के आकार का व्याख्यात्मक कारक है।
ये चार समूह मैगिनी, स्ट्रादिवरी, अमाती और स्टेनर हैं।
अमेरिका के मिसौरी में डोनाल्ड डैनफोर्थ प्लांट साइंस सेंटर के डैनियल चिटवुड ने कहा, “समूहबद्धता से लूथियर्स द्वारा अपने उपकरणों का दूसरे सारंगियों के आकार से नकल करने की संभावनाओं का पता चलता है।”
चार शताब्दियों में आधुनिक सारंगी के विकास तक इसके आकार का विश्लेषण केवल इसके इतिहास और समय के प्रभाव को ही नहीं, बल्कि व्यापक तौर पर नकल और मानवीय संबद्धताओं द्वारा डिजाइन के संचरण को भी दर्शाता है।
चिटवुड ने कहा, “सारंगी की वास्तुकला उपभोक्ताओं की पसंद से प्रभावित रही है। इस प्रकार आकार के रूप में सूचनाएं एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलती रहती हैं।”
यह अध्ययन पत्रिका ‘पीएलओएस ओएनई’ में प्रकाशित हुआ है।