शंकराचार्य के बयान को लेकर अयोध्या के संतो मे दो फाड़, एक तरफ महंत ज्ञान दास विरोध पर कायम तो दूसरी तरफ बैठको के जरिये किया जा रहा है बयान का समर्थन
अयोध्या | शारदा पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती द्वारा शिर्डी के साई बाबा को भगवान ना मानने और उनकी आराधना को हिन्दू धर्म को तोड़ने की साजिश बताने पर हुआ विवाद अभी तक साई समर्थको के विरोध तक सीमित था लेकिन अब इस मामले को लेकर अयोध्या के बड़े साधु संतो मे भी बहस तेज़ हो गयी है और जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती के इस बयान को लेकर अयोध्या के संत भी दो फाड़ हो गए है,एक तरफ इस बाईं को लेकर अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास लगातार विरोध के स्वर तेज़ कर रहे है तो अयोध्या की संस्कृति और परंपरा के वाहक माने जाने वाले संतो का एक बड़ा समूह जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती के बयान को शास्त्रोक्त आधार पर सही ठहरा रहा है और इस मुद्दे को लेकर संतो की बैठके भी हो रही है और इन बैठको मे जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द के बयान का समर्थन इस कदर हो रहा है की बैठक मे मौजूद संतो ने साई बाबा को मल्टीनेशनल कंपनी का प्रोडक्ट भी बता डाला है |
अयोध्या के जगन्नाथ मंदिर मे हुई संतो की बैठक मे मौजूद संतो ने जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती के बयान को सही ठहराते हुए कहा की हिन्दू धर्म को बांटने के लिए एक बड़ा कुचक्र रचा जा रहा है जिसमे विदेशी ताकते शामिल है आस्था के प्रवाह मे मुर्दे बहा करते है ज़िंदा नहीं जानबूझकर हिन्दू धर्म को कमजोर करने और हिन्दू देवी देवताओ के अपमान के लिए साई बाबा को मल्टीनेशनल कंपनी के प्रोडक्ट की तरह मार्केट मे उतार दिया गया है| बैठक मे मौजूद संतो ने चेतवानी भरे लहजे मे साई भक्तो को आगाह किया है की अगर उन्होने जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती का पुतला फूकना बंद नहीं किया तो साधु संत साई दरबार का पुतला जलाकर अपना विरोध जताएँगे| बैठक मे मौजूद संतो ने तर्क देते हुए कहा की साई एक फकीर और संत थे उनका स्मारक बन सकता है लेकिन मंदिर बनाकर उन्हे भगवान का दर्जा देना उचित नहीं है साथ ही संतो ने साई बाबा के नाम मे साइराम जोड़ने पर भी आपत्ति जताई है | संतो की इस बैठक मे संतो के गुस्से का शिकार केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता उमा भारती भी हुई जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द के बयान का विरोध करने पर संतो ने उमा को आड़े हाथो लेते हुआ कहा की वो राजनीति करे संतो के मामले मे दखल ना दे | बैठक के दौरान महंत राघव दास,जगदगुरु रामानुजाचार्य राघवाचार्य जी महाराज महंत गौरी शंकर दास,श्याम बिहारी दास,त्रिभुवन दास,नागा रामलखन दास और वेद प्रचार समिति के निदेशक शिवकुमार वाजपेयी सहित बड़ी संख्या मे अयोध्या के कई वरिष्ठ संत मौजूद रहे |
साई बाबा पर आरोप लगाने वाले लोग पहले अपने आप को देखे-महंत ज्ञान दास
अयोध्या| एक तरफ जहां जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानन्द के बयान को अयोध्या के कई संत सही ठहरा रहे है तो वही इस मुद्दे पर अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञान दास लगातार हलवार रुख अख़्तियार किए हुए है महंत ज्ञान दास ने कहा की हमारा कहना है कि साईबाबा एक महान पुरुष थे इनका सामना यह क्या करेंगे यदि उन्होने लोगो का कल्याण किया और लोग उनकी पूजा करते है तो इसमे बुरा क्या है अगर उनके भक्त उन्हे भगवान मानते है तो इनको क्या परेशानी है जो आज साई बाबा पर आरोप लगा रहे है क्या इन्होने भी किसी का कल्याण किया है यह तो खुद लड़ रहे है की कौन शंकराचार्य है कौन नहीं है भला ये किसी पर उंगली कैसे उठा सकते है पहले ये तो तय हो जाये की ये शंकराचार्य है या नहीं |